क्या-क्या जानकारी होती है लीक

दिल्ली में एक 80 साल की महिला के साथ हुई ठगी की जांच कर रही पुलिस के हाथ कुछ अहम सुराग लगे हैं। पुलिस ने ठगों के एक गिरोह को पकड़ा है। जो बैंक कर्मचारियों और कॉल सेंटर्स की मिलीभगत से कस्टमर की निजी जानकारी इकठ्ठा कर लेते हैं। इसमें आपका एटीएम कार्ड नंबर, कार्ड होल्डर का नाम, जन्मतिथि और मोबाइल नंबर होता है।

ऐसे फंसाते हैं कस्टमर्स को :

1. फ्रॉड करने वाले बैंक कर्मचारी बनकर लोगों के पास फोन करते हैं। इन लोगों को पता होता है कि आपका किस बैंक में एकाउंट है।

2. सबसे पहले यह आपसे एटीएम कार्ड नंबर के आखिरी चार डिजिट पूछेंगे और फिर पूरा नंबर बताकर इसे क्रॉस चेक करेंगे। क्योंकि उनके पास आपकी सारी डिटेल पहले से मौजूद रहती है।

3. ये लोग आपका नाम और जन्मतिथि बताएंगे, ताकि लोगों को उनके ऊपर शक न हो।

4. नाम पूछने के बाद ये ठग आपके कार्ड ब्लॉक होने, रिन्यू करवाने या फिर रिवार्ड प्वॉइंट्स का झांसा देते हैं। अगर आपने इनकी बातों को सच मान लिया, तो ये लोग आपसे कार्ड में लिखा CVV नंबर मांगते है। CVV नंबर देते ही वह आपके मोबाइल में पहुंचे OTP को शेयर करने को कहते हैं। जैसे ही OTP इन ठगों के पास पहुंचता है, ये आपके एकाउंट से रकम उड़ा देते हैं।

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कैसे बचें इन साइबर ठगों से :

1. फ्रॉड करने वाले हमेशा मोबाइल नंबर से कॉल करते हैं। जबकि बैंक का असली कर्मचारी आपको लैंडलाइन से फोन करेगा। ऐसे में आप कॉल आते ही पहले ही सतर्क हो जाएं।

2. बैंक वाले कभी भी आपसे CVV या OTP नंबर की जानकारी नहीं लेते हैं। ये नंबर कांफिडेंशियल होते हैं। ऐसे में कभी भी आप इस तरह की कोई भी जानकारी फ्रॉड करने वाले को मत दें।

3. सतर्क रहने के बावजूद भी आपके साथ फ्रॉड हो जाता है। तो तुरंत ही बैंक के कस्टमर केयर में कॉल करके अपना एटीएम कार्ड ब्लॉक करवा दें। और आपके साथ हुए फ्रॉड को 48 घंटे के भीतर बैंक को सूचित कर दें।

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