इन 10 वजहों से याद किया जाएगा रांची टेस्ट

1. कोहली चोटिल :

टेस्ट मैच के पहले ही दिन टीम इंडिया के कैप्टन विराट कोहली फील्डिंग के दौरान बॉल को रोकने के क्रम में चोटिल हो गए। इसके बाद उनके मैच से बाहर होने के कयास लगाए जाते रहे, फिर भी उन्होंने मैदान पर वापसी कर दर्शकों को निराश नहीं होने दिया।

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2. पुजारा ने खेली सबसे ज्यादा गेंदें :

चौथे दिन का खेल चेतेश्वर पुजारा के नाम रहा। उन्होंने न केवल डबल सेंचुरी ठोंकी, बल्कि एक इनिंग में सबसे ज्यादा बॉल (525) फेस करनेवाले भारतीय खिलाड़ी भी बन गए।

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3. ऑस्ट्रेलिया का 800वां टेस्ट मैच :

ऑस्ट्रेलियाई टीम के लिए भी यह मैच खास रहा। ऑस्ट्रेलिया ने रांची में अपना 800वां टेस्ट खेला, जो इंग्लैंड के बाद दूसरा सबसे ज्यादा मैच खेलने का रिकॉर्ड है।

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4. धोनी की गैरमौजूदगी :

रांची में धोनी की गैर मौजूदगी में यह पहला मैच हुआ। 2014 में श्रीलंका के खिलाफ इस मैदान में हुए वन-डे मैच में धोनी अंगूठे की चोट के कारण नहीं खेल पाए थे।

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5. दुनिया का 113वां टेस्ट वेन्यू :

रांची का जेएससीए इंटरनेशनल स्टेडियम दुनिया का 113वां टेस्ट वेन्यू बन गया। इस स्टेडियम को भारत में टेस्ट क्रिकेट के 26वें वेन्यू का दर्जा मिल गया। इससे पहले यहां वन डे इंटरनेशनल व ट्वेंटी-20 मैच खेले जा चुके हैं।

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6. फ्री में देखा मैच :

जेएससीए ने इस मैच के लिए दिल खोल कर पास बांटे। संघ की ओर से स्कूल-कॉलेजों को हजारों की संख्या में फ्री पास उपलब्ध कराए गए थे। पहली बार हजारों की संख्या में स्टूडेंट्स ने फ्री में मैच का आनंद उठाया।

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7. ऑल इज वेल :

इस पांच दिवसीय आयोजन के दौरान एक भी अप्रिय घटना नहीं घटी। पूरा आयोजन वेल मैनेज्ड था।मैनेजमेंट को कहीं से कोई शिकायत भी नहीं मिली। गेट की इंट्री से लेकर मैच के हर मोमेंट तक विधि-व्यस्था दुरूस्त नजर आई, यानी कि ऑल इज वेल।

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8. पिच को मिले पूरे नंबर :

जेएससीए की पिच को लेकर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे थे, लेकिन पांच दिनों तक मैच के खिंच जाने के बाद अब इसकी स्वीकार्यता बढ़ गई है।

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9. सबसे धीमी बल्लेबाजी :

दोनों ही टीमों की ओर से काफी धीमी बल्लेबाजी देखने को मिली। दोनों टीमों ने कुल 1258 रन बनाए। बल्लेबाजों ने 447.3 ओवर खेले, जिसका रन औसत 2.81 रहा।

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10. अमिताभ का रोल खत्म :

यह पहला मौका था, जब जेएससीए के पूर्व अध्यक्ष अमिताभ चौधरी की भूमिका सीमित दिखी। अध्यक्ष कुलदीप सिंह और वाइस प्रेसिडेंट अजयनाथ शाहदेव एक्टिव रहे।

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