दैनिक जागरण आई नेक्स्ट एक्सक्लूसिव

- टीनशेड में चलने वाले और मानक विरूद्ध चलने वाले मेडिकल स्टोर्स पर गिरी गाज

- 100 से ज्यादा मेडिकल स्टोर्स के लाइसेंस का नहीं होगा रिन्यूअल

KANPUR: मेडिकल स्टोर के नाम पर बिना मानक के टीनशेड और फुटपाथ पर दुकानें खोले हुए दवा व्यापारियों को ड्रग विभाग से बड़ा झटका लगा है। शासन के निर्देशों के बाद अब बिना मानक पूरे किए मेडिकल स्टोर्स के लाइसेंस रिन्यूअल नहीं होंगे। जिसके चलते सिटी में चल रहे 100 से ज्यादा मेडिकल स्टोर्स बंद हो जाएंगे। शासन ने दवाओं की बिक्री को लेकर भी नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। जिसमें एनपीपीए की तरफ से निर्धारित रेट पर दवा न बेचते हुए पकड़े जाने पर मेडिकल स्टोर के खिलाफ कार्रवाई के आदेश भी दिए हैं। इस संबंध में यूपी गवर्नमेंट ने गुरुवार सुबह अपने ऑफिशियल ट्विटर एकाउंट पर ट्वीट भी किया।

कई बार हो चुकी है शिकायत

शहर के अलग-अलग इलाकों में कुकुरमुत्ते की तरह खुले मेडिकल स्टोर्स को लेकर कई शिकायतें शासन तक की गई। कई मेडिकल स्टोर्स तो बिना लाइसेंस के ही खुले हैं। इन शिकायतों के बाद शासन ने कानपुर के स्वास्थ्य विभाग को कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं। रावतपुर में कार्डियोलॉजी व चेस्ट हॉस्पिटल के बाहर भी करीब दो दर्जन से ज्यादा मेडिकल स्टोर सिर्फ टीनशेड में चल रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग ने इनकी संख्या 100 से ज्यादा बताई है। यह स्टोर्स पनकी, बिधनू, घाटमपुर, नौबस्ता, रावतपुर जैसे इलाकों में खुले हैं। ड्रग इंस्पेक्टर अरविंद कुमार के मुताबिक मेडिकल स्टोर को लेकर जो गाइड लाइन हैं उनका सख्ती से पालन कराया जाएगा। शासन से जो निर्देश मिले हैं। उनको लेकर चेकिंग भी जाएगी।

जनऔषधि केंद्र के लिए दो दिन में लाइसेंस

ड्रग इंस्पेक्टर अरविंद कुमार ने बताया कि प्रधानमंत्री जनऔषधि केंद्र ज्यादा से ज्यादा संख्या में खोलने के लिए दिशा निर्देश मिले हैं। इनके लिए आवेदन भी आ रहे हैं। कागज पूरे होने पर जन औषधि केंद्र के लिए दो दिन में लाइसेंस भी जारी किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि एक हफ्ते में चार और प्रधानमंत्री जनऔषधि केंद्र के लिए लाइसेंस दिए गए हैं। जिसके बाद जनपद में इनकी संख्या 15 से ज्यादा हो गई है।

ज्यादा रेट पर दवा बेचने पर कार्रवाई

शासन ने गुरूवार को दवाओं की बिक्री को लेकर दिशा निर्देश जारी किए। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव हेमंत राव की तरफ से दवाओं को एनपीपीए की ओर से निर्धारित एमआरपी पर ही बेचने के निर्देश दिए गए हैं। जो कंपनियां व दवा विक्रेता एनपीपीए की तरफ से निर्धारित रेट से ज्यादा पर दवाओं को बेचेंगे उन पर सख्त कार्रवाई के लिए भी सभी जिलाधिकारियों को कहा गया है।