- नगर निगम के 172 टेंडर नहीं ले रहा कोई

- अभी तक नहीं आई जीएसटी की गाइड लाइन

मितेंद्र गुप्ता

मेरठ। जीएसटी के चक्कर में शहर का विकास अटक गया है। हालात यह हैं कि नगर निगम में कोई भी ठेकेदार टेंडर प्रक्रिया में भाग ही नहीं ले रहा है। नगर निगम के लाख कोशिश के बावजूद शहर के विकास के टेंडर नहीं हो पा रहे हैं। नगर निगम ने तीन बार टेंडर निकाले, लेकिन तीनों ही बार एक भी ठेकेदार ने टेंडर नहीं डाला।

नहीं आई जीएसटी की गाइड

दरअसल जीएसटी लागू होने के बाद अभी तक गाईडलाइन नहीं आई है। वहीं दूसरी तरफ नगर निगम पीडब्ल्यूडी के गाइडलाइन पर भी टेंडर प्रक्रिया कराता है। यही कारण है कि नगर निगम के अधिकारी भी अभी तक असमंजस की स्थिति में है।

पुरानी दरों पर टेंडर

नगर निगम ने बीते एक माह के अंदर 172 टेंडर निकाले। वह सभी टेंडर पुरानी दरों पर निकाले गए। जबकि जीएसटी लगने और अवैध खनन पर रोक लगने के बाद निर्माण कार्यो में होने वाली सामग्री महंगी हो गई है। ऐसे में ठेकेदारों को पुराने टेंडर पर काम करना मुश्किल हो रहा है। यही कारण है कि ठेकेदार टेंडर प्रक्रिया में भाग नहीं ले रहे हैं।

करोड़ों का काम

नगर निगम ने 172 टेंडर शहर में विकास कार्यो के टेंडर निकाले थे। 172 टेंडर 16 करोड़ की लागत के है। यह सोलह करोड़ रुपये शहर के विकास में लगने हैं। जीएसटी के कारण इनमें देरी हो रही है।

खरीदना होगा सॉफ्टेवयर

नगर निगम को जीएसटी लागू करने के लिए पहले जीएसटी का सॉफ्टवेयर खरीदना होगा। इसके बाद ही टेंडर की प्रक्रिया पूरी हो पाएगी। बिना जीएसटी सॉफ्टवेयर के टेंडर नहीं हो पाएंगे।

अब सात प्रतिशत लगता था टैक्स

ठेकेदार जो भी कार्य करते थे, उसका सात प्रतिशत टैक्स काटकर नगर निगम ठेकेदारों का पेमेंट करता था। जिसमें चार प्रतिशत वैट, दो प्रतिशत इनकम टैक्स तथा एक प्रतिशत लेबर टैक्स काटकर पेमेंट करता था।

पीडब्ल्यूडी में अभी टेंडर की नई गाइड लाइन नहीं आई है। उसके आने के बाद टेंडर प्रक्रिया में भाग लेना शुरू कर दिया जाएगा।

-महेश बाली, ठेकेदार

टेंडर को लेकर ठेकेदारों से बातचीत हुई थी। वह नई गाइडलाइन के अनुसार काम करने की बात कह रहे हैं। शासन स्तर पर बातचीत कर नई गाइड लाइन मंगाई गई है।

हरिकांत अहलूवालिया, महापौर

ठेकेदार नई गाइडलाइन के अनुसार काम करने की बात कह रहे हैं। नई गाइड लाइन आने के बाद टेंडर प्रक्रिया शुरू करा दी जाएगी।

कुलभूषण वाष्र्णेय, चीफ इंजीनियर नगर निगम