पहाड़ों के बीच अपना घर बनाना चाहते थे,पंजाब में आतंकवाद की कमर तोड़ने वाले केपीएस गिल

1. केपीएल गिल ने 24 साल की उम्र में पुलिस की नौकरी शुरु कर दी थी। पंजाब से होने के बावजूद गिल ने असम-मेघालय कैडर चुना था। गिल की इच्छा थी वह स्वतंत्र होकर काम करें। जबकि पंजाब में राजजीतिक दबाव के चलते वह ऐसा करने में नाकाम रहते।

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2. दो बार पंजाब के डीजीपी रहे गिल को पंजाब में आतंकवाद को रोकने के लिए उनके काम को लेकर याद किया जाता है। उसी के चलते उन्हें सुपर कॉप की उपाधि भी मिली हुई थी। गिल काफी तेजतर्रार अधिकारी थे, इसके बावजूद इतने लंबे पुलिस सर्विस के दौरान उन्होंने एक भी एनकाउंटर नहीं किया था।

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3. केपीएल गिल को ब्रांडेड व्हिस्की पीने का बहुत शौक था। आल असम स्टूडेंट्स यूनियन (एएएसयू) के साथ उनकी खूब जमती थी। गिल इनके लीडर्स के साथ बैठकर खूब जाम छलकाते थे।

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4. असम के कमरूप जिले में अपनी बेहतर छवि के लिए जाने जाते थे। यही वजह है कि लोग उन्हें “Kamrup Police Superintendent Gill” कहकर बुलाते थे। यह उनके लिए गर्व की बात थी।

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5. शिलॉंग में पोस्टिंग के दौरान केपीएस गिल को वहां की खूबसूरती काफी पसंद आ गई थी। यही वजह है कि उन्होंने पहाड़ियों के बीच एक कॉटेज बनाने का निर्णय किया। हालांकि बीएसएफ ने साल 1984 में उन्हें कॉटज बनाने की परमीशन नहीं दी। बाद में गिल ने शिमला में एक कॉटेज बनवाया और हर साल गर्मी की छुटि्टयां वहीं बिताते थे।

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