- साक्षर भारत मिशन के तहत प्रदेश में 1 करोड़ 82 लाख लोगों की गई थी पहचान

- 30 सितंबर 2017 तक सभी को शिक्षित करने का लक्ष्य

LUCKNOW : साक्षरता अभियान की सफलता को लेकर दावे तो बहुत किए जाते हैं लेकिन जमीन पर इसकी सच्चाई कुछ और ही नजर आती है। अगर हम अपने प्रदेश यूपी की बात करें तो इस समय यहां 62 लाख लोग अशिक्षित हैं। इन्हें साक्षर बनाने के लिए शुरू हुए अभियान की लास्ट डेट 30 सितंबर है। लेकिन अभी के हालात को देखते हुए नहीं लगता है कि इस अवधि तक इन्हें शिक्षित करना संभव नहीं है।

डेट बढ़ने का इंतजार

लोगों को साक्षर बनाने के लिए स्वयं सेवक और प्रेरक (मोटिवेशनल स्पीकर) की जरूरत है। लास्ट डेट में अब ज्यादा समय नहीं बचा है। पूरे सूबे की यही तस्वीर सामने आ रही है। बावजूद इसके जिम्मेदार योजना में तेजी लाने की जगह इस इंतजार में बैठे हैं कि यह अंतिम तिथि आगे बढ़ जाए।

शुरू हुआ था बड़ा अभियान

साल 2010-11 में पूरे देश में 15 साल से अधिक आयु वालों को साक्षर बनाने का अभियान शुरू हुआ था। साक्षर भारत योजना के तहत शुरू हुई इस स्कीम में प्रत्येक गांव में दो प्रेरकों का मानदेय पर चयन किया गया। इन्हें जिम्मेदारी सौंपी गई कि 15 साल के अधिक आयु लोगों को चिन्हित कर उन्हें साक्षर बनाने की शुरुआत करें।

पांच हजार प्रेरकों के पद खाली

साक्षर भारत मिशन के तहत 99 हजार प्रेरकों का चयन किया गया था, लेकिन इनमें से 94 हजार को ही तैनात किया गया। प्रत्येक गांव में दो प्रेरक (एक पुरुष, एक महिला) को जिम्मेदारी दी गई कि जहां स्वयं सेवक न हों वहां वे ही क्लॉस संचालित करें। इसके एवज में उन्हें दो हजार रुपये प्रतिमाह मानदेय भी दिए जाने की व्यवस्था की गई।

कुछ ऐसी है तस्वीर

योजना से जुडे़ लोगों के मुताबिक 15 साल से ऊपर आयु वर्ग के लोगों को साक्षर बनाने के बाद उनकी परीक्षा भी आयोजित की जाती है। अब तक एक करोड़ 82 लाख लोगों में से एक करोड़ 33 लाख ही एग्जाम में शामिल होने के लिए योग्य पाए गए। इनमें से एक करोड़ बीस लाख लोग परीक्षा में सफल हुए, जबकि करीब 62 लाख लोगों का अभी भी साक्षर होना बाकी हैं।

मार्च बीत गया, नहीं कराई परीक्षा

योजना के मुताबिक जो लोग साक्षर हो जाते हैं, उनकी निर्धारित समय में एनआईओएस के माध्यम से परीक्षा कराई जाती है। परीक्षा पास करने वालों को कक्षा तीन स्तर के योग्य माना जाता है। बीते मार्च में इसके लिए परीक्षा आयोजित की जानी थी, लेकिन पर्चे न छप पाने से परीक्षा नहीं कराई जा सकी। विभाग का कहना है कि यह परीक्षा अगस्त में एक साथ कराई जाएगी।

30 सितंबर के बाद योजना बंद

साक्षर भारत योजना के तहत साक्षर बनाने की योजना 31 मार्च को समाप्त होनी थी। लेकिन केंद्र सरकार ने इसे 30 सितंबर तक बढ़ा दिया है। ऐसे में सिर्फ चार महीने में प्रदेश भर के 62 लाख लोगों को साक्षर करना विभाग के लिए बड़ी चुनौती है, क्योंकि इनमें जो लोग फेल हो गए तो उन्हें आगे कैसे साक्षर बनाया जाएगा।

कोट

साक्षर भारत मिशन के तहत प्रदेश में एक करोड़ 82 लाख लोगों को साक्षर करने के लिए चिन्हित किया गया था। इनमें से एक करोड़ बीस लाख साक्षर हो चुके हैं। बाकि 62 लाख लोगों को भी साक्षर बनाने का काम किया जा रहा है। निर्धारित समय तक इसे पूरा करने का लक्ष्य है।

अवध नरेश शर्मा, निदेशक, साक्षरता एवं वैकल्पिक शिक्षा