-पब्लिकेशन मालिक के बेटे ने शूटर से कराई हत्या, आला-ए-कत्ल बरामद

-आरोपी बेटे व ड्राइवर को पुलिस ने किया गिरफ्तार, शूटर अभी भी फरार

Meerut : नौचंदी थाना क्षेत्र स्थित शराब के ठेके पर हुए चर्चित मर्डर कांड से शुक्रवार को पूरी तरह पर्दा उठ गया है। पब्लिकेशन की मालकिन से अवैध संबंधों के चलते अकाउंटेंट की हत्या की गई। पब्लिकेशन मालिक के बेटे और चालक को गिरफ्तार कर हत्या में प्रयोग की गई लाइसेंसी पिस्टल को बरामद कर लिया गया है। बेटे ने मौसा और चालक के साथ मिलकर हत्या की पूरी प्लानिंग कर घटना को अंजाम दिया था।

पुलिस ने किया खुलासा

शुक्रवार को पुलिस लाइन्स में एसपी सिटी आलोक प्रियदर्शी ने पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी। लालकुर्ती थानाक्षेत्र के मैदा मोहल्ले की जफर बिल्डिंग में रहने वाले मोहम्मद सुल्तान के बेटे जुएब की मोहनपुरी में सीताराम पुलिया के पास शराब कैंटीन में हत्या कर दी गई थी। जुएब उर्फ साहिल कृतिका पब्लिकेशन में अकाउंटेंट था। शुक्रवार को रिजर्व पुलिस लाइन में एसपी सिटी आलोक प्रियदर्शी ने पर्दाफाश करते हुए बताया कि पांच वर्ष पहले जुएब हापुड़ अड्डा स्थित रामनगर के कृतिका पब्लिकेशन में बतौर एकाउंटेंट काम करने लगा था। प्रेसवार्ता में ट्रेनी सीओ विकास जायसवाल और सीओ सिविल लाइन्स रीतेश कुमार भी शामिल थे।

ऐसे हुई हत्या

20 फरवरी की शाम को मालकिन का ड्राइवर असब उर्फ बिट्टू निवासी ईकड़ी थाना सरधना अपने साथ जुएब को लेकर सीताराम पुलिया स्थित शराब कैंटीन पर पहुंचा। मयंक ने बिट्टू और मौसा राजू को दो अलग-अलग मोबाइल खरीदकर दिए थे। कैंटीन में पहुंचते ही बिट्टू ने राजू को मैसेज कर दिया। तभी राजू और शारिक बाइक पर सवार होकर पहुंचे। शारिक ने जुएब पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसा दीं। आठ गोली जुएब के शरीर में लगी। घटना को अंजाम देकर राजू और शारिक मुज्जफरनगर पहुंच गए।

हत्यारों तक ऐसे पहुंची पुलिस

शराब कैंटीन पर मिली पल्सर बाइक के नंबर से पुलिस ने जुएब की पहचान की थी। जुएब के परिजनों ने मोबाइल नंबर उपलब्ध कराए, जिनकी सीडीआर निकाली गई। सूरजकुंड रोड पर लगे सीसीटीवी कैमरे में जुएब के साथ बाइक पर बिट्टू को जाते देखा गया। पुलिस ने तत्काल ही बिट्टू को उठाया। वह पब्लिकेशन में ड्राइवर है। बिट्टू पुलिस को बरगला रहा था। तभी जुएब और पब्लिकेशन मालकिन में हो रही वाट्स-एप चैटिंग देखी गई। उसके बाद बिट्टू ने पूरी कहानी बयां कर दी। पुलिस ने पब्लिकेशन के मालिक अमित और बेटे मयंक को हिरासत में लेकर पूछताछ की, जिसके बाद पूरे घटनाक्रम से पर्दा उठ गया।

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अलग-अलग नाम से करता था दोस्ती

पुलिस की इंवेस्टीगेशन में पता चला है कि जुएब के पास 8 मोबाइल नंबर थे। वह हर मोबाइल नंबर से कभी मनीष तो कभी जुएब बनकर अलग-अलग लड़कियों को फंसाना उसका पेशा था।