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प्राविधिक शिक्षा के निदेशक ने दी रोक हटाये जाने की जानकारी

कहा 2012 के शासनादेश का होगा अनुपालन

vikash.gupta@inext.co.in

ALLAHABAD: उत्तर प्रदेश में संचालित पालिटेक्निक संस्थाओं में प्रवेश के लिये प्रवेश परीक्षा का आयोजन किया जा चुका है और अब रिजल्ट के बाद काउंसिलिंग की प्रक्रिया को शुरू किया जाना है। इससे पहले संयुक्त प्रवेश परीक्षा परिषद उत्तर प्रदेश लखनऊ ने डायरेक्ट एडमिशन (सीधा प्रवेश) पर लगी रोक को हटा दिया है। जिसके बाद पालिटेक्निक संस्थाओं में रिक्त सीटों पर सीधे प्रवेश का रास्ता साफ हो गया है।

सचिव संयुक्त प्रवेश परीक्षा परिषद का निर्देश

इस बावत आदेश प्राविधिक शिक्षा निदेशक कफील अहमद की ओर से जारी किया गया है। उन्होंने रोक को हटाये जाने की सूचना सचिव संयुक्त प्रवेश परीक्षा परिषद लखनऊ की ओर से जारी दिशा निर्देशों के बाद जारी की है। निदेशक ने सभी राजकीय, अनुदानित एवं निजी क्षेत्र के पालीटेक्निक कॉलेजेस के प्रिंसिपल्स के नाम जारी पत्र में कहा है कि 18 अक्टूबर 2012 के शासनादेश के क्रियान्वयन को रोके जाने का कोई औचित्य नहीं है।

2012 से 2016 तक मिला प्रवेश

इसमें पालिटेक्निक काउंसिलिंग के बाद रिक्त बची सीटों पर प्रवेश के लिये स्पष्ट आदेश दिया गया था। शासनादेश के बाद 2012 से लेकर 2016 तक लगातार डायरेक्ट एडमिशन लिया गया। लेकिन कुछ समय पहले किन्हीं कारणों के चलते 2012 के शासनादेश के अनुपालन में प्रवेश पर रोक लगा दी गई थी। जिससे 2017 के प्रवेश में डायरेक्ट एडमिशन होने या न होने को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई थी।

लास्ट इयर भी नहीं ले रहे थे प्रवेश

कहा गया है कि स्पॉट काउंसिलिंग ऑनलाइन काउंसिलिंग का ही हिस्सा है। जिससे किसी भी अभ्यर्थी को वापस न लौटना पड़े। लास्ट इयर भी 09 अगस्त 2016 से डायरेक्ट एडमिशन शुरू होना था। लेकिन, कई कॉलेजेस एडमिशन नहीं ले रहे थे और मनमाना रवैया अख्तियार किये हुये थे। जिसके बाद संयुक्त प्रवेश परीक्षा परिषद ने कार्यवाही संपादित न करने पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी भी दी थी। इसके बाद 10 अक्टूबर 2016 से प्रवेश कार्य शुरू हो पाया था।

2012 के शासनादेश को रोके जाने का कोई औचित्य नहीं है। ऐसे में सभी जगहों पर डायरेक्ट एडमिशन लिया जायेगा। इसके लिये सचिव स्तर से दिशा-निर्देश प्राप्त हुये हैं।

कफील अहमद,

निदेशक प्राविधिक शिक्षा