नई तकनीकों के उभार के चलते ईंधन के तौर पर पेट्रोल पर दुनिया की निर्भरता कम होगी। इस कारण पेट्रोल की कीमतों में जबरदस्त गिरावट देखने को मिलेगी। अमेरिका के फ्यूचरिस्ट टोनी सेबा ने यह दावा किया है। टोनी ने ही कई साल पहले सोलर पावर की मांग में तेज इजाफे की भविष्यवाणी की थी। यह काफी हद तक सही साबित हुई है, जिस दौर में टोनी ने सोलर पावर की मांग बढऩे का दावा किया था। उस वक्त आज की तुलना में कीमतें 10 गुना थीं।

25 रुपए प्रति बैरल तक गिरेंगे दाम
सिलिकॉन वैली के एंटरप्रेन्योर टोनी सेबा, एंटरप्रेन्योर व  क्लीन एनर्जी मामलों के इंस्ट्रक्टर भी हैं। सोलर एनर्जी को लेकर टोनी की भविष्यवाणी सही साबित हुई, क्या पेट्रोल के मामले में भी ऐसा होगा। इस पर विश्वास करना फिलहाल थोड़ा मुश्किल लगता है, लेकिन उनकी ओर से दिए गए आंकड़े कुछ विश्वास जरूर जगाते हैं। टोनी के अनुसार सेल्फ  ड्राइव कारों की तेजी से बढ़ती मांग के चलते ऑयल की डिमांड में जोरदार गिरावट आएगी और पेट्रोल के दाम 25 रुपए प्रति बैरल तक गिर सकते हैं।

इलेक्ट्रिक कारों में होगा इजाफा
मीडिया रिपोट्र्स के अनुसार, टोनी ने कहा कि 2020-21 में ऑयल की डिमांड अपने पीक पर होगी। इसके बाद 10 सालों के अंदर तेल उत्पादन का आंकड़ा 100 मिलियन बैरल से 70 मिलियन बैरल तक पहुंच जाएगा। इसके चलते कच्चे तेल की कीमत तेजी से गिरते हुए 25 डॉलर प्रति बैरल तक आ जाएगी। टोनी ने कहा कि लोग पुराने स्टाइल की कारों का इस्तेमाल करना बंद नहीं करेंगे, लेकिन इकॉनमी में इलेक्ट्रिक कारों की हिस्सेदारी बहुत ज्यादा बढ़ जाएगी। ये इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने में भी सस्ते होंगे और इन्हें चलाना भी आसान होगा।

निजी कारें नहीं रखेंगे लोग
दरअसल, पहले टोनी सेबा ने कहा था कि 2030 तक 95 परसेंट लोग निजी तौर पर कार रखना बंद कर देंगे और इससे ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री का ही सफाया हो जाएगा। उन्होंने यह भी दावा किया था कि इलेक्ट्रिक कार इंडस्ट्री ग्लोबल ऑयल इंडस्ट्री को तबाह कर देगी।

2030 तक इलेक्ट्रिक कारों का संचालन
ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल के अनुसार, 2030 तक भारत में पूरी तरह इलेक्ट्रिक कारों के ही संचालन पर विचार कर रहे हैं। यानी 15 साल बाद देश में डीजल और पेट्रोल कारों की बिक्री ही बंद हो जाएगी।

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