- रोहिणी नक्षत्र में बन रहे अक्षय तृतीया पर योग परिणय संस्कार को बनाएगा शुभ

- अखंड रहेगा सौभाग्य, होगी धनवर्षा, स्टूडेंट्स का कॅरियर संवरने के आसार

>BAREILLY: अनंत, अक्षय और अक्षुण्ण फलदायक अक्षय तृतीया 28 अप्रैल को मनाई जाएगी। इस दिन रोहिणी नक्षत्र में बन रहा सौभाग्य योग जातकों के लिए विशेष रहने की संभावना है। ज्योतिषाचार्यो के मुताबिक यह दिन स्वयंसिद्ध मुहूर्त बन रहा है। जिसमें किसी भी घड़ी में शुभ कार्यो का आरंभ किया जा सकता है। इस दिन शुक्र का प्रभाव होने से नवविवाहित दंपत्तियों के लिए प्रेम और सौहार्द बनाए रखने का संकेत दे रहा है। इसके साथ ही, गुरु और सूर्य का सुंदर योग विद्यार्थियों की मेहनत को साकार करेगा, एसी संभावना ज्योतिषाचार्यो ने जताई है।

अखंड रहेगा सौभाग्य

इस दिन सूर्य और चंद्रमा दोनों ही अपनी-अपनी उच्च राशि में विराजमान हैं। इनके साथ गुरू का मिलन हो रहा है। सूर्य के साथ मेष राशि में गुरू और चंद्रमा अपनी उच्च राशि वृष के साथ विराज रहे हैं। ज्योतिषाचार्यो के मुताबिक 27 तरह के योगों में अक्षय तृतीया के दिन सौभाग्य नामक योग अपने नाम के अनुसार ही फल देता है। यह संयोग करीब 84 वर्षो बाद बन रहा है। इस दिन जिनका परिणय संस्कार होता है, उनका सौभाग्य अखंड रहता है। इसके साथ ही, इस खास दिन महालक्ष्मी के विशेष अनुष्ठान करने वाले जातकों को अक्षय पुण्य का वरदान मिलता है। ऐसी मान्यता है।

यह करें मंगल कार्य

इस दिन सभी शुभ कार्यो के अलावा प्रमुख रूप से शादी, स्वर्ण, नया सामान, गृह प्रवेश, पदभार ग्रहण, वाहन क्रय, भूमि पूजन और नया व्यापार समेत नई नौकरी का शुभारंभ फलदायक होती है। ज्योतिषाचार्यो ने बताया कि अक्षय तृतीय के बारे में भविष्य पुराण में कहा गया है। जिसके मुताबिक अक्षय तृतीया के दिन सतयुग और त्रेतायुग का प्रारंभ हुआ था। भगवान विष्णु के 24 अवतारों में भगवान परशुराम, नर-नारायण और हयग्रीव तीन अवतार अक्षय तृतीया के दिन ही धरा पर आए। जिसकी वजह से इसे अक्षय तृतीया के नाम से पुकारा जाता है।

अक्षय तृतीय पर बन रहे शुभ योग दंपत्तियों और व्यापारियों के लिए खास रहेगा। विधि विधान से महालक्ष्मी का पूजन करने वालों को अक्षय पुण्य की प्रात्ति होगी।

पं। राजीव शर्मा, ज्योतिषाचार्य, बाला जी ज्योतिष संस्थान