- बीआरडी मेडिकल कॉलेज का मामला - तीमारदारों ने डॉक्टर पर लगाया प्रसव के बाद बच्चा बदलने का आरोप

GORAKHPUR: बीआरडी मेडिकल कॉलेज में डिलीवरी के बाद बच्चा बदलने का मामला उठा है। प्रसूता के परिजनों का आरोप है कि महिला ने बेटे को जन्म दिया लेकिन जिम्मेदारों ने बच्चा बदल लड़की पकड़ा दी। ये भी आरोप है कि विरोध करने पर गायनिक विभाग के हेल्थ कर्मचारियों ने महिला को बच्ची के साथ भगा दिया। वहीं, बीआरडी प्रशासन ने आरोपों को गलत बताया है।

पैसे मिले तो मतलब खत्म

बिहार के पश्चिमी चंपारण जिले के दुधौरा थाना क्षेत्र के लौकरिया के रहने वाले शिवनंदन की पत्नी सरिता एक मई को अपनी गर्भवती बहू अंजलि के साथ दिल्ली से सप्तक्रांति एक्सप्रेस से गांव के लिए चलीं। इसी बीच अंजलि को तेज दर्द होने लगा। रेल कर्मचारियों की मदद से उन्हें गोरखपुर के जिला महिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां डॉक्टर्स ने दो मई को उसे मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर कर दिया। सुबह आठ बजे अंजलि को मेडिकल कॉलेज के लेबर रूम में लाया गया। आरोप है कि यहां इलाज के नाम पर डॉक्टर दवा के मद में 1800 रुपए मांगने लगे। विरोध करने पर महिला की पिटाई कर दी। कुछ देर बाद नॉर्मल डिलीवरी कहकर कर्मचारियों ने लड़का होने की बात कही और मिठाई के लिए एक हजार रुपए भी लिए।

वार्ड में छोड़ दिया अकेला

सरिता का आरोप है कि इसके आधे घंटे बाद कपड़े में लपेटकर उन लोगों को लड़की दे दी गई। इस बीच मरीज को लेबर रूम से वार्ड नंबर एक में भेज दिया गया। लेकिन इस बीच ना तो बच्चे को कोई देखने आया और ना ही महिला को। इतना ही नहीं गुरुवार की सुबह आनन-फानन में हेल्थ कर्मचारियों ने महिला को बच्ची देकर वार्ड से बाहर कर दिया। इस बीच वह रोती रही और बेटे की गुहार लगाती रही लेकिन किसी ने भी उनकी नहीं सुनी।

वर्जन

जानकारी हुई तो मौके पर पहुंचा था। बच्चा बदलने का आरोप गलत है। परिजनों के कंप्लेन के आधार पर जांच कराई जाएगी। महिला को भगाया नहीं गया है, उसे बच्चा देकर घर भेज दिया गया।

- डॉ। एके श्रीवास्तव, एसआईसी बीआरडी