केमिकल वाले रंग से हुई एलर्जी, हॉस्पिटल में डॉक्टर से किया संपर्क

पानी में भीगकर भी हुए बीमार, बुखार और जुकाम ने घेरा

ALLAHABAD: इस बार होली में एक बार फिर केमिकल वाले रंगों ने अपना कमाल दिखाया। इनकी चपेट में आकर दर्जनों की संख्या में लोग एलर्जी का शिकार हो गए। उनको हॉस्पिटल का चक्कर काटना पड़ा। इसके अलावा ठंडे और गर्म मौसम की चपेट में आकर भी बुखार और जुकाम से भी लोगों को दो-दो हाथ करना पड़ा। इनमें बच्चों और महिलाओं की संख्या अधिक रही।

चेहरे पर पड़े दाने, हुई तेज जलन

होली के पहले मार्केट में केमिकल वाले रंगों की बिक्री जमकर हुई। सस्ते और घटिया क्वालिटी के रंगों को लगाने के बाद लोगों को जमकर जलन हुई और चेहरे पर दाने पड़ गए। अधिक परेशानी होने पर उनको हॉस्पिटल लेकर जाना पड़ा। डॉक्टरों का कहना था कि चेहरे की त्वचा बहुत सेंसेटिव होती है और कई बार हानिकारक केमिकल के संपर्क में आकर चेहरा खराब होने लगता है। यही कारण है कि बेली, काल्विन और एसआरएन हॉस्पिटल में दर्जनों की संख्या में लोगों का इलाज कराने आना पड़ा।

आया बुखार, जुकाम ने घेरा

इसी तरह होली पर भीगना भी परेशानी का सबब बना रहा। बेतहाशा ठंडे पानी में रंगों से सराबोर होने के बाद अधिकतर लोग बुखार और जुकाम का शिकार हो गए। उनको तत्काल डॉक्टर को दिखाना पड़ा। डॉक्टर्स का कहना था कि बदलते मौसम में सेहत के साथ ऐसा खिलवाड़ भारी पड़ गया। हॉस्पिटल्स की ओपीडी में ऐसे मरीजों की संख्या अच्छी खासी रही। खासकर महिला और बच्चों को अधिक बीमारी ने सताया। बता दें कि डॉक्टर्स ने पहले लोगों को होली पर पानी से दूर रहने की सलाह दी थी।

होली पर केमिकल वाले रंगों को बोलबाला जारी रहा। इस साल भी दर्जनों लोग ओपीडी में पहुंचे। किसी ने चेहरे पर रंग लगाया और उसके थोड़ी देर बाद तेज जलन होने लगी। ऐसे में उन्हें डॉक्टर से संपर्क करना पड़ा।

डॉ। शक्ति बसु, त्वचा रोग विशेषज्ञ, काल्विन हॉस्पिटल

जो लोग होली पर अधिक देर तक पानी में भीगते रहे और ठंडी चीजों का उन्होंने अधिक सेवन किया। उनको मौसमी बीमारी ने अपनी चपेट में ले लिया। उनको दवाएं देकर पानी और गीले रंग से दूर रहने की हिदायत दी गई है।

डॉ। आनंद सिंह, फिजीशियन, बेली हॉस्पिटल