60 दशक तक बनाए रखी पहचान
31 अगस्त 1919 को पाकिस्तान के पंजाब में जन्मीं अमृता प्रीतम के नाम पहली प्रसिद्ध कवि और रचनाकार होने का गौरव प्राप्त है। 20वीं सदी की शुरुआत में अमृता ने धीरे-धीरे अपनी पहचान बनाना शुरु कर दी। इसके बाद लय पकड़ते ही उन्होंने तकरीबन 60 सालों तक रचनाएं, कविताएं और कहानियां लिखने का सिलसिला जारी रखा। अमृता की सबसे बड़ी खासियत यह थी कि, वह पैदा तो पाकिस्तान में हुईं थी लेकिन उनकी पूरी जिंदगी भारत में रह कर बीती। यही नहीं उनकी रचनाएं भारत और पाकिस्तान दोनों जगह पढ़ी जाती थीं और काफी लोकप्रिय भी हुईं।

100 से ज्यादा किताबें लिखीं
काफी लंबे करियर के चलते अमृता ने साहित्य के क्षेत्र में अपना अमूल्य योगदान भी दिया। जिस तरह उनकी रचनांए और कहानियां चर्चित थीं। उसके चलते उन्होंने तकरीबन 100 से भी ज्यादा किताबें लिख डालीं। इसके अलावा 16 साल की उम्र में उनकी कविताओं का पहला संकलन पब्िलश हुआ था। अमृता ने पंजाबी भाषाओं में भी कई रचनाएं लिखी हैं। उनका सबसे पॉपुलर नॉवेल 'पिंजर' माना जाता है, जो 1950 में लिखा गया था। इसमें महिलाओं के खिलाफ होने वाली हिंसाओं को रचना के रूप में प्रस्तुत किया गया था। यही नहीं साल 2003 में अमृता के इस नॉवेल 'पिंजर' पर अवार्ड विनिंग फिल्म भी बनी।

साहित्य अकादमी अवार्ड
अमृता प्रीतम पहली ऐसा महिला थीं, जिन्होंने साहित्य अकादमी अवार्ड अपने नाम किया है। इसके अलावा पाकिस्तानी पंजाबी एकेडमी ने भी उन्हें सम्मानित किया है। वहीं फ्रेंच और बुल्गारियन सरकार भी अमृता को उनके बेहतर काम के लिए सम्मानित कर चुकी है। अमृता प्रीतम की ऑटोबॉयोग्राफी भी काफी चर्चा में रही। उन्हें पद्म विभूषण, पद्म श्री और भारतय ज्ञानपीठ पुरस्कार भी मिल चुका है। वहीं पंजाब की तरफ से 'पंजाब रत्न अवॉर्ड' पाने वाली पहली शख्स भी अमृता प्रीतम हीं थीं।

Hindi News from India News Desk

 

Interesting News inextlive from Interesting News Desk