- कद्दावर नेताओं की सिफारिश के बाद भी अतिक्रमण ध्वस्त

- वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल हैं बीबीएल स्कूल के फाउंडर मेंबर

BAREILLY:

मेयर की चिट्ठी पर बीबीएल स्कूल के खिलाफ दर्ज हुई एफआईआर के एक दिन बाद स्कूल का नाले के ऊपर बना स्लैब नगर निगम ने तोड़ दिया। खास बात यह है कि अतिक्रमण बचाने के लिए भाजपा के कद्दावर नेताओं की सिफारिश भी काम न आयी। इसके बाद यह कार्रवाई शहर में चर्चा का विषय बनी हुई है। क्योंकि इस स्कूल के फाउंडर मेंबर स्वयं वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल हैं। यह भी बताया जा रहा है कि स्कूल मंत्री जी के किसी भाई का है। मेयर के वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल से करीबी रिश्ता है। ऐसे में, कार्रवाई को लोग अपने-अपने चश्मे से देख रहे हैं।

आखिर छुट्टी के बाद टूट सका स्लैब

अलखनाथ मंदिर रोड स्थित बीबीएल स्कूल के दोनों गेट के बाहर नाला पर स्लैब की वजह से नाला साफ नहीं हो पाता था और जलभराव की स्थिति होती थी। जिसे तोड़ने के लिए नगर निगम निर्माण विभाग के जेई कृष्ण गोपाल टीम समेत पहुंचकर स्लैब तोड़ना शुरू कर दिया। स्कूल प्रिंसिपल दीपक अग्रवाल का आरोप है कि नगर निगम ने बिना सूचना दिए ही कार्रवाई की जो गलत है। स्लैब टूटने से स्टूडेंट्स के साथ हादसा हो सकता है। स्टाफ की गाडि़यां स्कूल कैंपस में हैं, जो निकल नहीं पाएंगी। इससे बच्चों को प्रॉब्लम होगी। वहीं, संडे को एनडीए का एग्जाम है। स्लैब टूटने से हादसे की संभावना जताई।

स्कूल के फाउंडर हैं वित्त मंत्री

बता दें कि बीबीएल स्कूल के फाउंडर मेंबर की सूची में वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल भी शामिल हैं। टीम जब मौके पर पहुंची तो कार्रवाई को रोकने के लिए कई नेताओं की सिफारिश मेयर व नगर आयुक्त के पास पहुंचने लगी। मेयर डॉ। उमेश गौतम के आदेश पर कार्रवाई जारी रही। सनद रहे कि वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल और मेयर डॉ। उमेश गौतम की करीबी किसी से छिपी नहीं हैं। ऐसे में एक दिन पहले बीबीएल पर एक स्टूडेंट के शोषण के मामले में दर्ज एफआईआर में मेयर की संस्तुति और सैटरडे को स्कूल पर हुई ध्वस्तीकरण की कार्रवाई, दोनों मामलों को लोग जोड़कर देख रहे हैं।

महिला ने लगाया घूसखोरी का आरोप

सैटरडे को नगर निगम अतिक्रमण हटाओ टीम को जमकर विरोध का सामना करना पड़ा। जलकल विभाग पर अवैध रूप से सरकारी संपत्ति पर 15 हजार रुपए की रिश्वत लेकर एक महिला ने सबमर्सिबल लगाए जाने का आरोप लगाया। महिला की जिद थी कि सबमर्सिबल को तोड़ने नहीं दिया जाएगा। हंगामे पर शांत रही टीम ने कुछ देर बाद सबमर्सिबल को जेसीबी से तोड़ दिया। फिर टीम राजेंद्र नगर के सी और डी ब्लॉक तक अभियान चलाया। अतिक्रमण न टूटे इसको लेकर सिफारिश के फोन आते रहे। इसके बाद टीम आगे अतिक्रमण तोड़ने के लिए रवाना हुई। मकान और दुकानों के आगे अतिक्रमण तोड़े जाने का जमकर विरोध हुआ।

नाला पर बना दो मंजिला मकान

अतिक्रमण अभियान के दौरान जब टीम ने नक्शा देखा तो कई मकानों के नीचे से नाले तो कहीं सीवर लाइन तक निकली मिली। पटेल नगर में तीन मकान जो दो मंजिला थे वह सीवर लाइन के ऊपर बने मिले। भवन स्वामियों को तीन दिन की मोहलत देकर अतिक्रमण हटाने की चेतावनी दी है। टीम प्रभारी जयपाल सिंह पटेल ने बताया कि नक्शा के मुताबिक सीवर लाइन मौके पर नहीं मिली। सीवर लाइन पर तीन मकान पक्के बने हुए मिले। भवन स्वामी ने एक सप्ताह की मोहलत मांगी है। लेकिन तीन दिन का समय दिया है। वहीं, नगर निगम कार्यकारिणी के एक सदस्य की सिफारिश के बाद भी परचून की दुकान ध्वस्त कर दी गई।

बगैर सूचना दिए ही टीम स्लैब तोड़ने लगी। ऐसा क्यों किया गया यह समझ से परे है। संडे को एनडीए की परीक्षा है। 570 कैंडिडेट दो पाली में परीक्षा देंगे। स्टूडेंट्स की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है।

दीपक अग्रवाल, प्रिंसिपल, बीबीएल

हमारी पार्टी के हों या किसी अन्य पार्टी के यदि उन्होंने अतिक्रमण किया हुआ है तो उसे हर हाल में हटाया जाएगा। इसमें किसी की सिफारिश नहीं सुनी जाएगी।

डॉ। उमेश गौतम, मेयर