अच्छे खेल का मिला ईनाम

अंकित अपनी गेंदों में मूवमेंट और स्विंग को अपनी स्ट्रेंथ मानते हैं. उनके मुताबिक, मैंने नेट्स पर मूवमेंट और स्विंग हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत की है. मुंबई के अगेंस्ट मैच में उनकी यह स्विंग देखने को भी मिली.

कोच को क्रेडिट

अपनी सक्सेस का क्रेडिट अंकित अपने कोच शशिकांत खांडेकर, सर्वेश मेहरोत्रा और वेंकटेश प्रसाद को देते हैं. उनके मुताबिक, मैंने काफी देर से क्रिकेट खेलना शुरू किया था, लेकिन मेरी लंबाई और फिजीक को देखकर शशि सर और सर्वेश सर ने मुझे फास्ट बॉलिंग करने के लिए उत्साहित किया. कमला क्लब में ट्रेनिंग के दौरान उन्होंने मेरे साथ काफी मेहनत की. यूपी टीम में चुने जाने के बाद वेंकटेश सर और जैदी सर ने भी काफी टिप्स दिए. इन सभी का मेरी सक्सेस में अहम योगदान है.

खुद पर गर्व है

धोनी, रैना और माइक हसी जैसे दिग्गजों के साथ ड्रेसिंग रूम शेयर करने के एक्सपीरिएंस को अंकित सपने के सच होने जैसा मानते हैं. उनके मुताबिक, चेन्नई आईपीएल की मोस्ट सक्सेसफुल टीम है और इसका हिस्सा होना ही मेरे लिए बड़ी बात है. यह मौका हर किसी को नहीं मिलती और मेरे लिए तो यह गर्व की बात है. जहां तक धोनी की बात है तो मैं उन्हें एक शानदार कैप्टन मानता हूं. टेंशन के समय भी वो अपनी कूलनेस नहीं खोते, यही उनकी सबसे खास बात है. मैं उनके इंसपिरेशनल गाइडेंस में खेलने को बेताब हूं.

अगरकर हैं इंसपिरेशन

अंकित अजित अगरकर को अपना आइडल मानते हैं. उनके मुताबिक, मैं अजित आगरकर को खेलते देखकर बड़ा हुआ हूं. वो हार्ड वर्क करने वाले बॉलर्स की मिसाल हैं और मेरी कोशिश उन्हीं की तरह लंबे समय तक टीम इंडिया के लिए खेलने की है. अंकित वैसे भुवनेश्वर कुमार के साथ भी खेल चुके हैं, लेकिन उनकी नजर में प्रवीण कुमार ने उनकी ज्यादा मदद की है. उनके मुताबिक, प्रवीण भाई का स्विंग पर जो कंट्रोल है, वो बेमिसाल है. मुझे भी उनकी तरह ही गेंद को स्विंग कराने में मजा आता है.

एक सीजन में ही पा लिया जहान

अंकित को पिछले ही सीजन में रणजी ट्रॉफी खेलने का मौका मिला और उन्होंने अपनी बॉलिंग से यूपी के सेलेक्टर्स को इस कदर इंप्रेस किया कि रणजी ट्रॉफी के अलावा वो देवधर ट्रॉफी और सैय्यद मुश्ताक टी-20 ट्रॉफी में भी यूपी टीम के लिए चुन लिए गए. इसके बाद आईपीएल फ्रेंचाइजी चेन्नई सुपरकिंग्स ने उन्हें और यूपी के ही पेसर इम्तियाज अहमद को टीम में शामिल कर लिया.

अपने डेब्यू सीजन में शायद ही किसी क्रिकेटर को यह एक्सपोजर मिला हो. इस एक सीजन में उन्होंने 7 फर्स्ट क्लास मैचेस में 31 विकेट चटकाए. इसमें लखनऊ में हरियाणा के खिलाफ 68 रन पर 6 विकेट का करिश्माई परफॉर्मेंस भी शामिल है. उन्होंने अपने रणजी ट्रॉफी के क्वार्टर फाइनल में सर्विसेज के खिलाफ दस विकेट चटकाए, लेकिन उनकी टीम टूर्नामेंट से बाहर हो गई.  

अंकित एक अनुशासित क्रिकेटर है. देर से क्रिकेट की शुरुआत के बावजूद उसने जबर्दस्त विलपावर से अपना मुकाम खुद हासिल किया है. क्विक बॉलिंग उसकी खासियत है और मुझे पूरी उम्मीद है कि एक दिन वो इंडियन टीम में जरूर जगह बनाएगा.

-शशिकांत खांडेकर, अंकित के कोच

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