अब कोच को भी हुआ गलती का अहसास

ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी स्टीव स्मिथ, डेविड वार्नर और बेनक्रॉफ्ट को बॉल टेंपरिंग में दोषी पाया गया था और उन्हें इसकी सजा भी मिल गई। मगर टीम के कोच डेरेन लेहमन को क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने क्लीन चिट दे दी, इसके बावजूद लेहमन इस हादसे से काफी दुखी हो गए। लेहमन ने कहा कि, वह साउथ अफ्रीका के खिलाफ चौथा और आखिरी टेस्ट खत्म होते ही ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम के कोच पद से इस्तीफा दे देंगे। आपको बता दें कि लेहमन का कार्यकाल 2019 में खत्म हो रहा था।

13 साल पुराना वो किस्सा

ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी और कोच से जुड़ा एक 13 साल पुराना मामला भी है। तब इस विवाद का असर कंगारू टीम नहीं बल्िक भारतीय टीम के खिलाड़ियों पर पड़ा था। साल 2005 की बात है, उस वक्त भारतीय क्रिकेट टीम के कोच पूर्व ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी ग्रेग चैपल थे, जबकि कप्तानी की जिम्मेदारी सौरव गांगुली के हाथों में थी। दोनों ही अपने समय के बेहतर खिलाड़ी रहे, लेकिन जब ड्रेसिंग रूम शेयर करने की बात आई, तो गांगुली-चैपल के बीच कभी पटरी नहीं खाई। साल 2005 की बात है, भारतीय टीम जिंबाब्वे दौरे पर गई थी। पहला टेस्ट खेला जाना था, कि उससे ठीक एक दिन पहले कप्तान सौरव गांगुली ने कोच ग्रेग चैपल से पूछा कि, युवराज और कैफ में किसको टीम में खिलाया जाए। चैपल ने कहा कि दोनो खेलेंगे और तुम बाहर रहोगे। चैपल की यह बात सुन गांगुली काफी हैरान रह गए थे। उन्होंने सीरीज छोड़ने का मन बना लिया था। तभी चैपल ने बीसीसीआई को एक लेटर भेजा कि, गांगुली कप्तानी के लिए न ही शारीरिक और न मानसिक रूप से फिट है। यह लेटर मीडिया में लीक होते ही काफी बवाल हुआ।

ऑस्‍ट्रेलियाई खिलाड़ी और कोच से जुड़ी एक घटना 13 साल पहले भी हुई थी,जब भारत के एक खिलाड़ी का करियर खत्‍म किया जा रहा था

चैपल ने खराब किया था टीम का माहौल

कहा जाता है कि इस विवाद का असर सौरव गांगुली के करियर पर पड़ा। चैपल गांगुली को टीम में नहीं रखना चाहते थे। टीम के अन्य सदस्य भी इस बात से वाकिफ थे। सचिन से लेकर द्रविड़ और सहवाग तक कई सीनियर खिलाड़ी उस टीम में मौजूद थे और सभी को चैपल की तानाशाही पसंद नहीं आ रही थी। सचिन ने अपनी आत्मकथा प्लेइंग इट माय वे इस विवाद का जिक्र भी किया। अपनी किताब में सचिन तेंदुलकर ने लिखा कि भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कोच ग्रेग चैपल एक रिंग मास्टर की तरह काम करते थे। वह टीम के अन्य सदस्यों पर अपनी राय थोपते थे। खैर विवादित रहे गुरु ग्रेग चैपल का कोचिंग करियर ज्यादा लंबा नहीं टिका। साल 2007 में उन्हें भारतीय कोच पद छोड़ना पड़ा और उनकी जगह गैरी किस्टर्न आए। जिनके कार्यकाल में ही भारत ने 2011 वर्ल्डकप जीता था।

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