सिटी में बने सभी ऑटो स्टैंड हैं illegal

JNAC, Traffic Dept। या JUSCO किसी भी ने दिया approval

JAMSHEDPUR (15 May)

सिटी में दिनों-दिन लचर हो रही ट्रैफिक व्यवस्था एडमिनिस्ट्रेशन के लिए एक बड़ी चुनौती है। इनमें सबसे बड़ी भूमिका पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम की है। लंबी दूरी की बस और सिटी बस के लिए तो पार्किग स्पेस एलॉट किया गया है लेकिन ऑटो के लिए पार्किग स्पेस एलॉट नहीं किया गया है। सिटी में जितने भी ऑटो स्टैंड है उन्हें किसी भी एजेंसी से एलॉटमेंट नहीं मिला है। सिटी में तमाम जगहों पर बने ऑटो रिक्शा स्टैंड्स को न तो जेएनएसी की ओर से रजिस्टर किया गया है न ही जुस्को की ओर से और न ही ट्रैफिक डिपार्टमेंट की ओर से अप्रूवल िदया गया है।

रोड पर ऑटो पार्क करना मजबूरी

सिटी में लगभग लगभग 30 हजार ऑटो हैं। इनमें केवल चार हजार के लिए ही ऑटो स्टैंड में जगह अवेलेबल हैं। ऐसे में रोड में ऑटो पार्क कर पैसेंजर्स उठाना इन ऑटो वालों की मजबूरी है। रोड में ऑटो पार्क करने के कारण ट्रैफिक की प्रॉब्लम तो होती ही है लोगों को भी प्रॉब्लम फेस करनी पड़ती है।

किसी ने नहीं दिया approval

जेएनएसी के स्पेशल ऑफिसर दीपक सहाय ने बताया कि जेएनएसी की ओर से सिटी में कहीं पर भी ऑटो रिक्शा के लिए पार्किंग एलॉट नहीं की गई है। वहीं ट्रैफिक डिपार्टमेंट और जुस्को भी किसी भी ऑटो पार्किंग स्टैंड को अप्रूवल न दिये जाने की बात कह रहा है। ज्ञात हो कि सिटी में करीब एक दर्जन जगहों पर ऑटो स्टैंड बनाए गए हैं, जिनमें से 5 अवैध ऑटो स्टैंड तो सिर्फ साकची गोलचक्कर पर ही बने हुए हैं।

प्रशासन मजबूर या कर रहा अनदेखी?

प्रशासन आखें मूंद तमाशा देखने को मजबूर है। ऑटो की अवैध पार्किंग्स को हटाने के लिए किसी भी डिपार्टमेंट की ओर से आज तक कोई ड्राइव नहीं चलाई गई है। प्रशासन को या तो इन स्टैंड को रेग्यूलराइज करनी चाहिए या तो इन स्टैंड को हटाने का प्रयास करना चाहिए।

जल्द ही होगी auto rickshaw parking slots को लेकर bidding

सिटी के झारखंड ऑटो चालक संघर्ष संघ के प्रेसिडेंट डॉ पवन पांडे ने बताया कि सिटी में ऑटो रिक्शा पॉर्किंग को लेकर चल रही धांधली को लेकर कई बार डीसी से शिकायत की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि ऑटो स्टैंड को रेग्यूलराइज करने की दिशा में कोशिश की जा रही है, लेकिन सिटी में चल रहे तीन ऑटो यूनियन के आपसी मतभेद के कारण हमें सफलता नहीं मिल रही है। मतभेदों के चलते दूसरे यूनियन से जुड़े ऑटो रिक्शाज को पार्किंग में इंटर नहीं करने दिया जाता। जिसके चलते रोड पर से ही पैसेंजर्स को पिक एंड ड्रॉप किया जाता है। उन्होंने बताया कि ऑटो रिक्शा पार्किंग को लेकर ओनरशिप बिडिंग ऑर्गेनाइज करने का आदेश दिया था। पर इलेक्शन के दौरान आचार संहिता लागू हो जाने के चलते बिडिंग नहीं हो पाई। अगले एक से दो महीनें में ऑटो रिक्शा पार्किंग्स के लेकर बिडिंग ऑर्गेनाइज की जा सकती हैं।

जेएनएसी की ओर से सिर्फ टू व्हीलर्स और फोर व्हीलर्स के लिए पार्किंग एलॉट की गई हैं, ऑटो रिक्शाज के लिए आज तक जेएनएसी की ओर से कोई पार्किंग एलॉट नहीं हुई है, और न ही इसके लिए हमारे पास कोई अप्लीकेशन ही आई है।

-दीपक सहाय, स्पेशल ऑफिसर, जेएनएसी

ऑटो पार्किंग को लेकर ट्रैफिक डिपार्टमेंट की ओर से अप्रूवल नहीं लिया गया है। हर जगह अवैध पार्किंग बनाई गई हैं।

-राकेश मोहन सिन्हा, ट्रैफिक डीएसीपी

सिटी में कुल 30 हजार ऑटो हैं इनमें केवल 4 हजार के लिए ही स्टैंड में स्पेस अवेलेबल है जबकि 20 हजार ऑटो नो पार्किग से चलते हैं। इसकी एक वजह ऑटो यूनियन के बीच चल रहे आपसी मतभेद भी है। अगले एक से दो मंथ में ही पार्किंग स्लॉट की ओनरशिप के लिए बिडिंग की जा सकती है।

-डॉ पवन पांडे, प्रेसिडेंट, झारखंड ऑटो चालक संघर्ष संघ

Box matter

सिटी में कुल ऑटो - करीब फ्0,000

पार्किंग स्लॉट से चलने वाले ऑटो - करीब ब्,000

नो पार्किंग से चलने वाले ऑटो - करीब ख्0,000

सिटी में बने कुल ऑटो पार्किंग स्लॉट - करीब क्ख्

साकची गोलचक्कर पर बने ऑटो पार्किंग स्लॉट - भ्