PATNA : आज देशभर के बैंक बंद हैं और बिहार में विभिन्न बैंकों के क्भ्00 बैंक ब्रांच में ताले लटके रहेंगे। यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के आह्वान पर बैंकों के प्राइवेटाइजेशन, मर्जर और बैंकिंग व्यवस्था को कमजोर करने की सरकार की कोशिशों के खिलाफ देशभर के बैंक कर्मचारी शुक्रवार को स्ट्राइक करेंगे। बैंकों में विदेशी पूंजी निवेश को लेकर भी जबरदस्त विरोध है।

बिहार में भी एसबीआई सहित तमाम पब्लिक सेक्टर के बैंक बंद हैं। कर्मचारियों ने बैंकों में तालाबंदी कर बैंक गेट पर धरना-प्रदर्शन और सरकारी नीति के खिलाफ नारेबाजी करेंगे। इस बारे में बिहार प्रदेश बैंक कर्मचारी नेता संजय तिवारी ने कहा कि मुख्य रूप से बैंकिंग रिफार्म को लेकर विरोध है। इसमें ऐसी कई बातें हैं जिसके कारण बैंकों का वित्तीय स्वास्थ्य और आमजन की बैंकों से मौलिक अपेक्षाएं प्रभावित हो रही हैं।

पारदर्शिता न होने पर भी विरोध

एक ओर आम आदमी की वास्तविक जरूरतों और इसकी मांग के लिए लोन आने पर बैंक रूचि नहीं लेती है जबकि बड़े बिजनेस हाउसेज को गलत तरीके से ऋण मिल जाता है। इससे बैंकों को नुकसान होता है। संजय तिवारी ने इस प्रकार की प्रवृति पर रोक लगाने की मांग की है।

नए ब्रांच खोलने के लिए बैंकिंग सेक्टर में बड़े कारपोरेट हाउससेज को लाइसेंस देने का विरोध हो रहा है। इस राष्ट्रव्यापी स्ट्राइक में यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के बैनर तले देश के नौ ट्रेड यूनियन संगठन भी सक्रिय रूप से शामिल रहेंगे। इसमें एआईबीईए, एआइबीओसी, एनसीबीई, एआइबीओए, बीईएफआई, आइएनबीईएफ, आइएनबीओसी, एनओबीड?ल्यू और एनओबीओ शामिल हैं। जानकारी के मुताबिक इस एक दिवसीय बंदी में प?िलक सेक्टर, ओल्ड प्राइवेट बैंक, रीजनल रूरल बैंक और को-ऑपरेटिव बैंक बंद रहेंगे। इन बैंकों के दस लाख कर्मचारी और ऑफिसर स्ट्राइक पर रहेंगे।

शनिवार को बैंक खुला रहेगा

जानकारी हो कि यह एक दिवसीय बैंक स्ट्राइक है। तीन जून पांचवा शनिवार होने के कारण खुला रहेगा। इसलिए शुक्रवार का बैंकिंग वर्कलोड शनिवार को पूरा किया जाएगा। संजय तिवारी ने भी पुष्टि करते हुए कहा कि शनिवार को सभी बैंक खुले रहेंगे। सभी बैंकिंग कार्य संपन्न होंगे। हालांकि बैंक यूनियन का दावा है कि इस स्ट्राइक में बैंकों की एटीएम सेवा भी प्रभावित रहेगी।

इन मुद्दों पर है विरोध

पब्लिक सेक्टर बैंकों का प्राइवेटाइजेशन

पब्लिक सेक्टर बैंकों का सुदृढ़ीकरण

एसबीआई के एसोसिएट्स का मर्जर

मर्जर के नाम पर बैंकों के ब्रांच खत्म करना

कारपोरेट, इंडस्ट्रियल हाउसेज को बैंक खोलने के लाइसेंस देने का प्रयास

घटिया स्तर के बैंक लोन के संबंध में शिथिलता बरतना

डिपोजिट पर बैंक रेट में कटौती करना

गलत तरीके से बड़े बिजनेस हाउसेज को बैंक क्रेडिट का लाभ देना

रीजनल रूरल बैंक का प्राइवेटाइजेशन

बैंकों के विलय, बंद करने, एफडीआई निवेश होने सहित बैंक रिफार्म के तमाम बिंदुओं पर सरकार की नीति का बैंककर्मी विरोध कर रहे हैं। हमलोग मर्जर और बैंक रिफार्म के नाम पर परेशानी बढ़ाने का पुरजोर विरोध किया जा रहा है।

-संजय तिवारी, बिहार प्रादेशिक बैंक कर्मचारी नेता

बैंकिंग रिफार्म, घटिया स्तर के बैंक लोन कारपोरेट परिवारों को देने और कर्मचारियों की लगातार अनदेखी से आज सभी बैंक बंद हैं। कर्मचारी हित को भी ध्यान में रखा जाए।

- घनश्याम श्रीवास्तव, जनरल सेक्रेटरी, एसबीआई ऑफिसर्स एसोसिएशन