जलसंरक्षण : बाथटब में एक व्यक्ति के नहाने से 370 लीटर पानी बर्बाद

दुनियाभर में फाइव स्टार होटलों से बाथटब की सुविधा हटाने का ट्रेंड चल पड़ा है। दरअसल इसकी सबसे बड़ी वजह पानी की बर्बादी हो लेकर है। जल संरक्षण को लेकर जागरूकता के कारण ऐसे फैसले लिए जा रहे हैं। बाथटब में एक व्यक्ति के नहाने में 370 लीटर पानी बर्बाद हो जाता है। जबकि शावर बाथ में सिर्फ 70 लीटर पानी में ही एक व्यक्ति स्नान कर लेता है।

स्पेस मैनेजमेंट : बाथरूम में बाथटब लगाने से ज्यादा जगह की बर्बादी

पांच सितारा होटल बाथटब हटाने पर इसलिए भी विचार कर रहे हैं क्योंकि बाथटब बाथरूम में काफी स्पेस घेरता है। इसकी सुविधा खत्म कर देने से बाथरूम काफी खुला-खुला और ज्यादा स्पेस वाला हो जाएगा। साथ ही बाथटब हटाने से बाथरूम को ग्लोबल ट्रेंड के अनुसार ज्यादा आधुनिक बनाया जा सकेगा। हाईटेक बाथरूम में बाथटब थोड़ी मुसीबत जरूर पैदा करता है।

इन होटलों में शावर बाथ का ट्रेंड, मांग पर बाथटब की सुविधा उपलब्ध

बेंगलुरू के नोवेटेल, मुंबई के ताज और विवांता जैसे बड़े होटलों में अब शावर बाथ का ट्रेंड देखने को मिल रहा है। दुनियाभर में लोग जल संरक्षण के प्रति जागरूक हुए हैं और होटलों में आधुनिक सुविधाएं चाहते हैं। यही वजह है कि होटलों में आने वाले मेहमान बाथटब की बजाए शावर बाथ ज्यादा प्रेफर कर रहे हैं। यह रूझान देखते हुए होटल बाथटब हटाने पर विचार कर रहे हैं। हालांकि यह पांच सितारा होटलों में मेहमानों की मांग पर यह सुविधा दी जाती रहेगी।

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