JAMSHEDPUR: महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज व हॉस्पिटल में लापरवाही का एक और मामला सामने आया है। सोमवार को हॉस्पिटल में छह माह की गर्भवती महिला की मौत हो गई। परिजनों ने डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया और हॉस्पिटल में जमकर बवाल काटा। जानकारी मिलते ही मौके पर होमगार्ड के जवान पहुंचे और परिजनों को समझा-बुझा कर मामला शांत कराया।

नहीं सुधरी स्थिति

बारीडीह स्थित हरी मैदान निवासी शंभू ठाकुर की पत्नी शिवानी कर्मकार (ख्भ्) को बीते मंगलवार को एमजीएम अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वे छह माह की गर्भवती थी। शिवानी के शरीर में खून की कमी होने की वजह से डॉक्टरों ने छह यूनिट ब्लड लाने को कहा। परिजनों ने खून लाकर दिया भी, लेकिन उसे नहीं बचाया जा सका। रविवार तक शिवानी को चार यूनिट खून चढ़ाने के बावजूद भी उसकी स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ। परिजनों का आरोप है कि रविवार रात करीब एक बजे वार्ड की नर्से शिवानी को इंजेक्शन व दवा दी। इसके बाद उसकी स्थिति और भी बिगड़ने लगी। सोमवार की सुबह तक उसके नाक से झाग निकलना शुरू हुआ और उसकी मौत हो गई। परिजनों ने नर्सो पर गलत ढंग से इंजेक्शन देने और डॉक्टरों द्वारा ध्यान नहीं दिया जाने का आरोप लगाया है।

तो बचाई जा सकती थी जान

परिजनों का आरोप है कि जिस वक्त शिवानी की तबीयत अधिक बिगड़ी उस दौरान वार्ड में एक भी डॉक्टर मौजूद नहीं था। परिजन रातभर पूरे वार्ड में डॉक्टरों को खोजते रहे, लेकिन कोई नहीं मिला। अगर डॉक्टर होते तो शिवानी की जान बचायी जा सकती थी। शिवानी की मौत होने के बाद परिजन हॉस्पिटल में ही फूट-फूट कर रो रहे थे और उचित कार्रवाई की मांग कर रहे थे।

ड्यूटी से डॉक्टरों का गायब होना गलत है, इसकी जांच की जाएगी और दोषी पाए जाने पर कार्रवाई भी होगी। महिला सीवियर एनीमिया से पीडि़त थी। इसमें हार्ट फेल होने की आशंका अधिक होती है। परिजनों को इसकी जानकारी दी गई थी और खून लाने को कहा गया था। संभवत: हार्ट फेल होने से महिला की मौत हुई।

-डॉ एके सिंह, सुपरिंटेंडेंट, एमजीएम हॉस्पिटल