2013 आईपीएल के दौरान लगे थे भ्रष्टाचार करने आरोप

59 साल के असद राउफ आईसीसी के एलीट पैनल में शामिल थो। वह कई टेस्ट मैचों में अंपायर की भूमिका भी निभा चुके है। आईपीएल के 2013 टूर्नामेंट के दौरान असद पर सट्टेबाजी में महंगे तोहफे स्वीकार करने और आईपीएल मैंचो पर सट्टा लगाने का अरोप लगा था। कई हफ्तों तक राउफ के भविष्य पर फैसला टालने के बाद बीसीसीआई अध्यक्ष शशांक मनोहर की अगुआई वाली समिति ने गुरुवार को इस अंपायर को प्रतिबंधित करने की घोषणा की। इस समिति में ज्योतिरादित्य सिंधिया और निरंजन शाह भी शामिल हैं।

 

राउफ ने बोर्ड को भेजा था लिखित जवाब     

बीसीसीआई ने बैठक के बाद जारी बयान में कहा कि असद राउफ को पांच साल तक अंपायरिंग करने या खेलने एवं किसी भी तरह से क्रिकेट में प्रतिनिधित्व करने या किसी भी तरह से बोर्ड और उससे मान्यता प्राप्त इकाईयों से जुड़ने से प्रतिबंधित किया जाता है। बयान के अनुसार असद राउफ समिति के समक्ष पेश नहीं हुए लेकिन उन्होंने शुरुआती जवाब 15 जनवरी 2016 को दिए और फिर आठ फरवरी 2016 को अपना लिखित जवाब भेजा।

भ्रष्टाचार और अंदरूनी जानकारी साझा करने के आरोप

बीसीसीआई समिति ने जांच आयुक्त की रिपोर्ट और राउफ के लिखित बयान पर विचार करने के बाद इस पाकिस्तानी को बीसीसीआई की भ्रष्टाचार रोधी संहिता के नियम 2.2.2, 2.3.2, 2.3.3 और 2.4.1 के तहत कदाचार और भ्रष्टाचार का दोषी पाया है। राउफ को इसके अलावा अंदरूनी जानकारी किसी से साझा करने का भी दोषी पाया गया है। राउफ पर प्रतिबंध लगने के बाद 2013 के इस प्रकरण और इसके बाद भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर हुई बोर्ड की अनुशासनात्मक कार्रवाई खत्म हो गई है।

   

बोर्ड इन्हें भी सुनाई थी सट्टेबाजी की सजा   

पिछले महीने बोर्ड ने हरियाणा के ऑफ स्पिनर अजित चंदीला पर आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग प्रकरण 2013 में उनकी संलिप्तता के लिए आजीवन प्रतिबंध लगाया गया था। साथ ही बोर्ड ने उन्हें मुंबई के बल्लेबाज हिकेन शाह को साथी खिलाड़ी से भ्रष्ट संपर्क करने के लिए पांच साल के लिए निलंबित किया गया था। चंदीला को राजस्थान रयल्स की ओर से मैच खेलने के दौरान स्पॉट फिक्सिंग का दोषी पाया गया था। राउफ के खिलाफ आरोप लगने के बाद पाकिस्तान ने उन्हें आईसीसी एलीट पैनल से हटा दिया था।

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