- IIT BHU में बोले ISRO के पूर्व अध्यक्ष डॉ। के कस्तूरीरंगन

-अब मौसम का सटीक अनुमान लगाना हुआ आसान

VARANASI

इसरो के पूर्व अध्यक्ष एवं राज्यसभा सदस्य रहे डॉ। के कस्तूरीरंगन का कहना है कि वर्तमान में स्पेस साइंस संचार माध्यमों से लगायत टेली-एजुकेशन एवं टेली- मेडिसिन में भी सहयोगी बन रहा है। चंद्रयान व मंगलयान हमारे अंतरिक्ष अनुसंधान में मील के पत्थर साबित हुए हैं। उन्होंने भारत के स्पेस प्रोग्राम के डेवलपमेंट को अभूतपूर्व बताया। कहा तकनीकी उन्नयन के रूप में देखा जाए तो हम आर्यभट्ट और भास्कर से सफर शुरू कर के मंगलयान तक पहुंच गए हैं। अब हम मौसम का ज्यादा सटीक अनुमान कर सकते हैं। ये बातें वह आईआईटी, बीएचयू के रासायनिक अभियांत्रिकी डिपार्टमेंट की ओर से गुरुवार को प्रो। गोपाल त्रिपाठी स्मृति संस्थान व्याख्यान को संबोधित कर रहे थे। डॉ। कस्तूरीरंगन ने कहाकि क्9भ्7-भ्8 में भारत ने सैन्य एवं विज्ञान के क्षेत्र में विश्व में प्रमुख स्थान प्राप्त करने के लिए यह यात्रा प्रारंभ की। रिमोट सेंसिंग के क्षेत्र में इसरो ने उल्लेखनीय योगदान दिया है। इससे हम कृषि, सामुद्रिक विज्ञान, आपदा प्रबंधन व संचार तंत्र में इन सूचनाओं का उपयोग कर सकते हैं। यही कारण है कि अब प्राकृतिक आपदाओं में जन और धन का नुकसान काफी कम होता है। स्वागत हेड प्रो। पीके मिश्र ने किया।