इस टावर के अंदर 13.3 टन का विशालकाय घंटा है जिसे शुरु में बिग बेन का टाम दिया गया था। इसी कारण घंटे और टॉवर को बिग बेन का नाम मिला। शाही गद्दी पर बैठने के महारानी एलिजाबेथ के 60 साल पूरे होने के मौके पर ज्यादातर सांसदों और तीन प्रमुख पार्टियों ने इस टॉवर का नाम बदलने के लिए अभियान चलाया था।

नाम बदलने का प्रस्ताव सांसद टोबियस एल्वुड ने रखा था। 40 अन्य सांसदों ने इस प्रस्ताव को अपना समर्थन दे दिया है। प्रस्ताव में कहा गया था कि महारानी की देश की 60 साल की सेवा को सम्मानित करने के लिए इस मांग पर विचार होना चाहिए।

एल्वुड ने इस संदर्भ में सांसदों को पत्र लिखे थे। डेविड कैमरॉन, निक क्लेग और एड मिलीबैंड सहित आधे से अधिक सांसदों ने इस प्रस्ताव को अपना समर्थन दिया था। प्रधानमंत्री और लेबर नेता ने इस अभियान को महारानी के प्रति सच्चा सम्मान बताया है।

यह पहली बार नहीं हुआ है जब वेस्ट मिनिस्टर में किसी प्राचीन धरोहर का नाम राजपरिवार के किसी सदस्य के नाम से बदला गया है। 1860 में जब शाही महल का पुनर्निर्माण हुआ था तो उस समय किंग्स टॉवर के नाम को बदल कर क्वीन विक्टोरिया को सम्मान देने के लिए उनके नाम पर रखा दिया गया।

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