लाठी-डंडे से पीटा

जानकारी के अनुसार रविवार को सुबह करीब 10 बजे कन्हैया एसके मेमोरियल हॉल में एआईएसएफ और एआईवायएफ द्वारा आयोजित पब्लिक मीटिंग को संबोधित कर रहे थे। इसी दौरान अचानक दो युवक उठे और काल झंडा लहराने लगा। बताया गया कि वे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्र हैं। घटना के बाद कन्हैया के समर्थक उन युवकों पर टूट पड़े तथा लाठी-डंडे से जमकर पीटा। कन्हैया ने सभी को शांत किया। काला झंडा लहराने वाले युवक भारत माता की जय बोल रहे थे। पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। घटना को दुखद करार देते हुए कन्हैया ने तंज कसते हुए कहा, 'युवकों को दिखाना ही था तो तिरंगा दिखाते। वे काला झंडा दिखा रहे थे, लेकिन उन्हें  भगवा दिखाई दे रहा था। उन्हें कलर ब्लाइंडनेस है।'

कोई फर्क नहीं पड़ता

इतना ही नहीं कन्हैया का यह भी कहना था कि कोई काले झंडे दिखाए, 'बाएं' या 'दाएं' पैर का जूता फेंके, उनपर कोई फर्क नहीं पड़ता। वहीं कन्हैया की सभा में मारपीट के मामले को लेकर बीजेपी नेता शाहनवाज हुसैन ने अपना बयान दिया है। उनका कहना है कि कन्हैया के साथ इस मामल में बिहार सरकार मुकदर्शक बनकर बैठी है। उसकी आंखों के सामने 'भारत माता की जय' कहने वालों पर डंडे बरसाए जा रहे हैं। वहीं देश के खिलाफ बोलने वालों के खिलाफ बिहार सरकार कुछ नहीं कर पा रही है। इसकी जितनी निंदा की जाए वह कम है।

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