दूतावास के फील्ड ऑफिस के पास धमाका

नेपाल के काठमांडू स्थित भारतीय दूतावास ने अभी तक इस धमाके को लेकर कोई टिप्पणी नहीं की है। इस हमले का जिम्मेदार जांच अधिकारियों ने अनुमान के तौर पर नेत्र विक्रम चंद को ठहराया है, क्योंकि पिछले दिनों उसने नेपाल में भारतीय विरोधी आंदोलन जैसे कार्यों को अंजाम दिया था। मोरंग जिले के पुलिस अधीक्षक अरुण कुमार बीसी ने बताया कि यह विस्फोट भारत के उस कार्यालय के करीब हुआ, जो नेपाल सरकार की अनुमति के बिना ही काम कर रहा था।

पुलिस कर रही मामले की जांच

फिलहाल पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है। खतरे को देखते हुए घटनास्थल और कार्यालय के आस-पास सुरक्षा बढ़ा दी गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक धमाका रात में 8 बजकर 20 मिनट पर हुआ था, जिससे बिल्डिंग के परिसर की दीवार में बड़ा सा छेद हो गया था। सूत्रों के अनुसार, घटना के समय कार्यालय में कोई भी नहीं था। बता दें कि बिराटनगर नेपाल की औद्योगिक राजधानी है जो बिहार की सीमा से 6 किमी उत्तर की ओर पड़ता है।

इसलिए स्थापित हुआ दूतावास

बता दें कि साल 2008 में कोशी नदी में बाढ़ आने के बाद, नेपाल ने भारत से गाड़ियों के आवागमन के लिए अपनी जमीन प्रदान करने के लिए अनुरोध किया था। भारतीय भूमि के जरिए नेपाल के बिराटनगर से बिरगुनज तक की सुविधा के लिए, भारत ने बिराटनगर में अस्थायी तौर पर क्षेत्रीय कार्यालय स्थापित किया था। इसे बने कई साल हो गए, भारत दौरे पर आये नेपाली प्रधान मंत्री भारत को इसे हटाने का अनुरोध किया, लेकिन भारत ने ऐसा नहीं किया।

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