-इंजेक्शन से ड्रग्स लेने के कारण हो रही प्रॉब्लम

--इलाज के लिए केजीएमयू पहुंच रहे मरीज

LUCKNOW: राजधानी में ड्रग्स की लत लोगों की हड्डियां तक गला रही है। इसके बाद भी ड्रग्स लेने वाले इसकी आदत नहीं छोड़ रहे हैं। हालात इतने खराब हैं कि आए दिन नशे के शिकार युवा हाथ-पैरों में घाव और हड्डियां गलने के बाद केजीएमयू में ट्रीटमेंट के लिए आ रहे हैं।

इंजेक्शन से गल गई हड्डियां

केजीएमयू के प्लॉस्टिक सर्जरी डिपार्टमेंट में रमेश (बदला हुआ नाम) को लेकर परिजन आए। डॉक्टर ने देखा तो पता चला कि उसके हाथ में गहरा घाव होने के साथ ही रेडियस और अल्ना नाम की हड्डियां भी गल गई हैं। यह समस्या ऑस्टियोमाइलाइटिस से हुई है, जिससे हड्डियों में इंफेक्शन और सूजन हो जाती है। जब मरीज से ऑपरेशन की बात कही गई तो उसने स्वीकार किया कि वह ड्रग्स लेता है और लगातार इंजेक्शन लेने से उसकी यह हालत हुई है।

हाथ बचाने की कोशिश

डॉ। विजय कुमार ने बताया कि यहां जो पेशेंट आया है, उसका घाव इतना अधिक है कि हाथ काटने की सलाह दी जा रही है। लेकिन हमारी कोशिश है कि उसका हाथ किसी तरह बचा लिया जाए। इसके लिए बोन को दूसरी जगह से निकाल कर उसे स्टरलाइज करना होगा। उसके बाद फिक्सेटर की सहायता से ग्राफ्ट किया जाएगा। उसके बाद ही टिश्यू व स्किन दूसरी जगह से लेकर लगाई जाएगी। ताकि हाथ को बचाया जा सके।

इंफेक्शन से होती है प्रॉब्लम

प्लॉस्टिक सर्जरी विभाग के डॉ। विजय कुमार ने बताया कि ड्रग्स लेने वाले सीधे नस में ड्रग्स लेते हैं। बार-बार इंजेक्शन लेने से नस में ब्लॉकेज हो जाता है। इसी जगह इंजेक्शन लेने से घाव होता है और फिर इंफेक्शन हो जाता है। यह इंफेक्शन बढ़ते-बढ़ते हड्डियों तक पहुंच जाता है।

बाक्स

12 का इंजेक्शन 200 में

डॉक्टर्स के मुताबिक ओपियम या अफीम का इंजेक्शन नशे के लिए यूज करना बैन है लेकिन गैरकानूनी तरीके से यह बेचा जाता है। इसकी कीमत केवल 12 रुपये है लेकिन नशा करने वालों को यह 150 से 200 रुपये में दिया जाता है। जो भी एक बार इस नशे के चक्कर में फंसता है वह फिर इसे आसानी से छोड़ नहीं पाता।

कोट

ऐसे मरीज अफीम का इंजेक्शन लगाते हैं। जिसे एक बार लेने के बाद व्यक्ति को बार-बार इंजेक्शन लेने की तलब लग जाती है।

डॉ। आदर्श त्रिपाठी,

साइकियाट्रिस्ट, केजीमएयू

कोट

ड्रग्स की लत छुड़ाने के लिए केजीएमयू में ड्रग ट्रीटमेंट सेंटर चलता है। जहां इलाज व ओपियाड सब्स्टीट्यूशन थेरेपी के बाद इस लत से छुटकारा पाया जा सकता है।

डॉ। अमित आर्य,

साइकियाट्रिस्ट केजीएमयू

कोट

इंफेक्टेड इंजेक्शन लेने से पेशेंट की हड्डी गल गई हैं। जिसमें फिक्सेटर लगाकर बोन ग्राफ्ट करके ठीक करने के प्रयास किए जा रहे हैं।

डॉ। विजय कुमार,

प्लास्टिक सर्जन, केजीएमयू