-जारी है सर्वर की समस्या, मरीज परेशान

-एनआईसी के सर्वर पर एकेटीयू की आईपी से हो रहा काम

LUCKNOW:

किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में पिछले कई दिनों से लगातार सर्वर मरीजों को रुला रहा है। थर्सडे को भी ओपीडी में पर्चे ऑफलाइन बनाए गए और लंबी लंबी लाइनों से मरीज परेशान रहे। दरअसल, केजीएमयू में सर्वर के लिए हर माह लाखों के खर्च से बचने के लिए साफ्टवेयर को एनआईसी के सर्वर पर ट्रांसफर किया जा रहा है, लेकिन इससे पहले रविवार से साफ्टवेयर को एकेटीयू की आईपी से चलाया जा रहा है। जिसके बाद से लगातार इस उधार के सर्वर से ओपीडी हैंग हो रही है और ट्रॉमा सेंटर तक में पर्चे ऑफलाइन बनाने पड़ रहे हैं।

क्या है मामला

केजीएमयू में सेंट्रल पेशेंट मैनेजमेंट सिस्टम 2014 में लागू किया गया था। जिसे पहले केजीएमयू के खुद के सर्वर पर चलाया गया। केजीएमयू का सर्वर 6.93 करोड़ में बनाया गया था, लेकिन अधिकारियों का दावा है कि कुछ ही समय में यह सर्वर जवाब दे गया और उसके बाद सीपीएमएस साफ्टवेयर को क्लाउड सर्वर पर डाला गया। जिसका हर माह खर्च लगभग आठ से 10 लाख आ रहा है। पिछले माह तक सीपीएमएस को चलाने वाले आईटी सेल के हेड की जिम्मेदारी पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग के डॉ। आशीष वाखलू संभाल रहे थे। पर, पिछले दो माह पहले वीसी बदलने के बाद केजीएमयू के आईटी सेल इंचार्ज को भी बदल दिया गया। अब डॉ। संदीप भट्टाचार्य आईटी सेल के इंचार्ज हैं और उन्होंने दावा किया कि क्लाउड सर्वर का पैसा बेकार में जा रहा है। इसके बाद केजीएमयू प्रशासन ने सर्वर को प्राइवेट कंपनी के क्लाउड सर्वर से हटाकर एनआईसी को देने का निर्णय लिया। केजीएमयू प्रशासन का दावा है कि एनआईसी केजीएमयू से इसके लिए कोई शुल्क नहीं लेगा और सरकारी संस्था होने के कारण ज्यादा विश्वसनीय और सुरक्षित भी है। इसी के तहत इसी रविवार को केजीएमयू के सीपीएमएस साफ्टवेयर को एनआईसी के सर्वर पर एकेटीयू की आईपी से रन कराया गया। पर, यह एक घंटे भी मरीजों का लोड नहीं झेल सका और जवाब दे गया। जिसके कारण सोमवार से केजीएमयू में लगातार पर्चे बनाने का काम ऑफलाइन करना पड़ रहा है। जांचों से लेकर ट्रॉमा में रजिस्ट्रेशन तक का कार्य प्रभावित हो रहा है।

6000 से अधिक मरीज

केजीएमयू में लगभग 6 से 8 हजार मरीज रोजाना ओपीडी में दिखाने आते हैं। जबकि ट्रामा सेंटर में भी रोजाना 150 से 200 मरीजों का रजिस्ट्रेशन और पर्चा बनता है। उधार का सर्वर हैंग होने के कारण मरीज लगातार परेशान हैं और दिक्कतें आ रही हैं। हालांकि केजीएमयू प्रशासन का दावा है कि एक दो दिन में मरीजों को इससे निजात मिल जाएगी और पहले की तरह ही पर्चे बनने लगेंगे।

सीपीएमएस साफ्टवेयर को क्लाउड से हटाकर एनआईएस के सर्वर पर ले जाया जा रहा है। एक दो दिनों में समस्या ठीक हो जाएगी।

प्रो। संदीप भट्टाचार्य, हेड आईटी सेल