इन सभी कंपनियों को एक ख़ास कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया है जो महारानी एलिज़ाबेथ द्वितीय के गद्दी संभालने की सालगिरह के मौक़े पर होगा.

चार दिन तक चलने वाला ये कार्यक्रम बकिंघम पैलेस में होगा.

आपको हर दिन कोई न कोई ऐसी वस्तु मिल जाएगी जिसमें शाही अधिकार पत्र का ज़िक्र होगा. ये महारानी, उनके पति ड्यूक ऑफ़ एडिनबर्ग या राजकुमार चार्ल्स की तरफ़ से स्वीकृति की मुहर है.

इस तरह की स्वीकृति के लिए शाही घराने से व्यापारिक तौर पर कम से कम पांच सालों तक जुड़े रहना ज़रूरी है.

कंपनियां

इस वक़्त तक़रीबन 850 ऐसी कंपनियां हैं जिनके पास शाही अधिकार पत्र हैं. इसमें बॉरबोर, हंटर, फ़ोर्टनम एंड मेसन और दूसरी कंपनियां शामिल हैं.

इनमें एक ख़ास क़िस्म की जैकेट बनाने, घूटने तक के जूते तैयार करने वाली कंपनी, सुख साधन के सामान बेचने वाला एक स्टोर और एक बहुत मंहगा होटल शामिल है.

राजकुमार चार्ल्स को सालमन मछली पसंद है, और वो अक्सर अपनी बंसी लिए हुए डी नदी में तस्वीरों में दिखते हैं. वो जिस कंपनी, हार्डी एंड ग्रेज़, के बनाए गए बंसी का इस्तेमाल करते हैं , उसे भी शाही अधिकार पत्र मिला हुआ है.

बस यूं समझ लें कि तूथ पेस्ट से लेकर बंदूक़ बनाने वाली कंपनियों तक से पास वो पत्र है जो ये साबित करता है कि उनका जुड़ाव राजघराने से रहा है.

उनमें तकनीकी क्षेत्र में काम करने वाली कंपनियां और साइबर तकनीक के क्षेत्र में काम करने वाले व्यक्ति भी शामिल हैं.

इनमें विदेशी कंपनियां भी हैं.

मध्य युग

शाही घराने से व्यापारिक संबंध रखने वाले लोगों को मध्य युग से ही स्वीकृति मिलती रही है. इस तरह की सबसे पहली स्वीकृति हेनरी द्वितीय ने वीवर्स कंपनी को साल 1155 में दी थी.

सबसे अधिक इस तरह के शाही अधिकार पत्र रानी विक्टोरिया के समय दिए गए. उनके 64 साल के काल में 1,000 से अधिक शाही अधिकार पत्र दिए गए थे.

ये अधिकार पत्र शाही ख़ानदान के तौर तरीक़ों पर रोशनी डालता है.

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