-आईएएस अनुराग की मौत की जांच सीबीआई से कराने का फैसला

-सीएम से मुलाकात कर परिजनों ने पुलिस कार्रवाई पर खड़े किये सवाल

-बड़े भाई ने हजरतगंज कोतवाली में दर्ज कराई हत्या की एफआईआर

-बंगलुरू जाएगी लखनऊ पुलिस टीम

LUCKNOW : आईएएस अनुराग तिवारी की रहस्यमय हालात में हुई मौत पर उठ रहे सवालों के बीच सरकार ने इसकी जांच सीबीआई से कराने का फैसला किया है। इससे पहले अनुराग के परिजनों ने सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर लखनऊ पुलिस द्वारा अब तक की गई जांच पर सवाल खड़े किये। परिजनों ने सीएम से कहा कि अनुराग को साजिश के तहत मौत के घाट उतारा गया है, इसलिए इसकी जांच सीबीआई से कराई जाए। सीएम से मुलाकात के बाद परिजनों ने हजरतगंज कोतवाली में अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या की एफआईआर दर्ज कराई। उधर, आईएएस के लापता फोन की तलाश के लिये लखनऊ पुलिस की एक टीम मंगलवार को बंगलुरू के लिये रवाना होगी।

पुलिस की जांच पर सवाल

आईएएस अनुराग तिवारी के बड़े भाई मयंक तिवारी सोमवार दोपहर 11 बजे एनेक्सी पहुंचे। उनके साथ मां सुशीला तिवारी, भाभी सुनीता तिवारी और पड़ोसी पीएन शुक्ला भी थे। मुलाकात का वक्त तय था इसलिए अधिकारी परिजनों को सीधे पंचम तल स्थित सीएम कार्यालय ले गए। करीब 20 मिनट की मीटिंग के बाद मयंक ने बताया कि सीएम से उन लोगों ने कहा कि उनके भाई को साजिशन मारा गया है। वे किसी बड़े घोटाले की जांच कर रहे थे और उन पर किसी कागज पर साइन करने का दबाव बनाया जा रहा था। इसी से उनकी हत्या कर दी गई। लखनऊ पुलिस की जांच पर सवाल खड़े करते हुए मयंक ने सीएम को बताया कि रहस्यमय मामला होने के बावजूद पुलिस ने गेस्टहाउस का कमरा सील नहीं किया। अनुराग के मोबाइल फोन की तमाम जानकारियां व ई-मेल डिलीट कर दिये गए हैं।

हत्या की एफआईआर दर्ज

सीएम से मुलाकात के बाद मयंक तिवारी व उनके परिजन एसएसपी दीपक कुमार से मिलने उनके कैंप ऑफिस पहुंचे। जहां उन्होंने एसएसपी को एफआईआर दर्ज कराने के लिये तहरीर दी। जिसमें उन्होंने लिखा कि अनुराग तिवारी की लाश बीती 17 मई की सुबह सड़क पर बरामद हुई। जबकि, वह हमेशा सोकर देर से उठते थे। अनुराग बेहद ईमानदार ऑफिसर थे, जिस वजह से उनके 10 साल के करियर में उनका सात बार तबादला हुआ। वर्तमान में वह फूड एंड सिविल सप्लाई में फूड कमिश्नर के पद पर कार्यरत थे। मयंक ने तहरीर में लिखा कि हाल ही में बातचीत के दौरान अनुराग ने उन्हें बताया था कि वे कुछ फाइलों पर काम कर रहे हैं, जिसमें बड़ा घोटाला किया गया है। उन्होंने बताया था कि उन पर किसी कागज पर जबरन सिग्नेचर करने के लिये दबाव बनाया जा रहा है। मयंक ने लिखा कि बीते कुछ महीनों से अनुराग बेहद दबाव में थे और दो महीने पहले अनुराग ने बताया था कि उनकी जान को खतरा है। पुलिस ने उनकी तहरीर पर अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या की एफआईआर दर्ज कर ली।

SSP को दिया पत्र

तहरीर के साथ ही परिजनों ने एसएसपी दीपक कुमार को पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराने के लिये पत्र सौंपा। एसएसपी ने उनके पत्र पर संस्तुति करते हुए उसे डीजीपी को भेज दिया। जिसके बाद देरशाम प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार और डीजीपी सुलखान सिंह ने प्रेस ब्रीफिंग कर बताया कि अनुराग तिवारी के परिजनों की मांग पर मामले की जांच के लिये सीबीआई को सिफारिश भेजी जाएगी।

'भइया तुम सतर्क रहना'

मयंक ने बताया कि दो महीने पहले अनुराग ने उन्हें मैसेज कर कहा था कि वे जिनके खिलाफ जांच कर रहे हैं, वे बेहद खतरनाक और रसूखदार लोग हैं। उन्होंने बताया था कि घोटालेबाजों का बहुत बड़ा नेक्सस है, अनुराग ने कहा था कि 'वे मेरा तो कुछ नहीं बिगाड़ पाएंगे लेकिन, भइया तुम मुरादाबाद में सतर्क रहना। वे मुझसे बदला लेने के लिये तुम्हे भी निशाना बना सकते हैं'

'मन करता है नौकरी छोड़कर वापस घर लौट आऊं'

अनुराग घोटालेबाजों से इस कदर डरे हुए थे कि नौकरी छोड़ने के बारे में भी विचार कर रहे थे। उनकी मां सुशीला तिवारी ने बताया कि मंगलवार रात जब उन्होंने अनुराग को फोन किया तो वह कहने लगे कि 'मन करता है नौकरी छोड़कर वापस घर लौट आऊं.' सुशीला ने बताया कि उन्होंने बेटे का हौसला बढ़ाया और अपने काम को पूरी ईमानदारी से करते रहने की सलाह दी।

फॉरेंसिक जांच केंद्रीय लैब में

एसएसपी दीपक कुमार ने बताया कि परिजनों ने उनसे कहा कि यूपी फॉरेंसिक लैब पर उन्हें भरोसा नहीं है, इसलिए अनुराग का विसरा और हार्ट की जांच किसी केंद्रीय लैब से कराया जाए। परिजनों की इस मांग पर फैसला लिया गया है कि विसरा और हार्ट को जांच के लिये सेंट्रल फॉरेंसिक लैब, हैदराबाद भेजा जाएगा।

आईफोन तलाशने टीम जाएगी बंगलुरु

एसएसपी दीपक कुमार ने बताया कि अनुराग तिवारी का आईफोन न तो गेस्टहाउस में मिला और न ही उनके पास। आशंका है कि उनका आईफोन बंगलुरु स्थित उनके घर में हो सकता है। इसी फोन की तलाश में पुलिस टीम को मंगलवार को बंगलुरु रवाना किया जाएगा।

17 मई को संदिग्ध हालात में मौत

कर्नाटक कैडर के आइएएस अधिकारी अनुराग तिवारी (36) का 17 मई को संदिग्ध हालात में मौत हो गई थी। उनका शव 17 मई की सुबह मीराबाई मार्ग पर राज्य अतिथि गृह से करीब 50 मीटर दूर बीच सड़क औंधे मुंह पड़ा मिला था। मूलरूप बहराइच निवासी अनुराग मसूरी से मिड-टर्म ट्रेनिंग के बाद लखनऊ आये थे और यहां राज्य अतिथि गृह के कमरा नंबर 19 में अपने बैचमेट एलडीए वीसी प्रभु नारायण सिंह के साथ ठहरे थे। मामले की जांच सीओ हजरतगंज अवनीश मिश्रा के नेतृत्व में गठित एसआइटी कर रही है।

कोट

अनुराग तिवारी की मौत के मामले में लखनऊ में हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। सरकार ने इस प्रकरण की जांच सीबीआइ को सौंपने का निर्णय लिया है। जांच के लिए केंद्र सरकार को जल्द प्रोफार्मा भेजा जाएगा।

-अरविंद कुमार, प्रिंसिपल सेक्रेटरी होम

कब क्या हुआ?

12 मई: आईएएस अनुराग तिवारी बहराइच स्थित घर पहुंचे

14 मई: बंगलुरु जाने के लिये लखनऊ वापस लौटे, बैचमेट पीएन सिंह के साथ वीआईपी गेस्ट हाउस में ठहरे

16 मई: रात में डिनर करने पीएन सिंह के साथ आर्यन रेस्टोरेंट पहुंचे, पौन घंटे बाद वापस

17 मई: वीआईपी गेस्ट हाउस के बाहर सुबह करीब 6 बजे बीच सड़क अनुराग की लाश बरामद

18 मई: बहराइच में अंतिम संस्कार

21 मई: परिजनों ने अस्थियां विसर्जित कीं

22 मई: परिजनों ने सीएम से मुलाकात की, हजरतगंज में एफआईआर, सीबीआई जांच की सिफारिश