आई एक्सक्लूसिव

- सीबीएसई टेंथ के लिए फिर से लागू होगी बोर्ड एग्जाम व्यवस्था

- अभी तक स्टूडेंट के पास बोर्ड या होम एग्जाम का रहता था ऑप्शन

-अब एग्जाम को सीरियसली लेंगे छात्र, दूसरे स्कूल में होगा सेंटर

KANPUR: मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने एक बार फिर एग्जाम पैटर्न में चेंज करते हुए सीबीएसई के टेंथ क्लास के एग्जाम को बोर्ड एग्जाम में कराने का डिसीजन लिया है। इस व्यवस्था के लागू होने से केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा परिषद(सीबीएसईबोर्ड) की टेंथ क्लास का रिजल्ट 20 परसेंट घट जाएगा। ये बात बोर्ड और होम एग्जामिनेशन के रिजल्ट में पासिंग डिफरेंस से प्रूव होती है। जो निश्चित तौर पर स्टूडेंट्स के लिए बुरी खबर साबित होगा। आई नेक्स्ट से बातचीत के दौरान सिटी के टीचर्स और एक्सपर्ट की इस डिसीजन पर मिलीजुली प्रतिक्रिया सामने आई।

होम एग्जाम की फ्रीडम खत्म

एमएचआरडी मिनिस्टर प्रकाश जावड़ेकर ने साफ कर दिया है कि इयर 2017-18 में एपियर होने वाले सीबीएसई के टेंथ क्लास स्टूडेंट्स बोर्ड एग्जाम देंगे। टेंथ क्लास में अभी तक बच्चों को बोर्ड व होम एग्जाम देने की आजादी थी। बोर्ड एग्जाम में बच्चे रूचि नहीं लेते थे, इसकी वजह यह थी कि उन्हें स्कूल कैंपस में ही एग्जाम देने का अवसर मिलता है। जबकि बोर्ड एग्जाम देने वाले स्टूडेंट्स का सेंटर चेंज कर दिया जाता है।

प्रिंसिपल बोले, अच्छा डिसिजन

सर पदमपत सिंहानिया एजूकेशन सेंटर के प्रिंसिपल वीएस मुद्गिल ने कहा कि मिनिस्ट्री का यह डिसीजन अच्छा है। इससे स्टूडेंट्स का भला होगा। स्टूडेंट्स टेंथ क्लास के एग्जाम को गंभीरता से लेंगे। अभी तक छात्र टेंथ क्लास के एग्जाम को सीरियसली नहीं लेते थे। लेकिन अब स्टूडेंट्स को एग्जाम को गंभीरता से लेना होगा।

आस्ट्रेलियन सिस्टम की नकल

पूर्व एमएचआरडी मिनिस्टर कपिल सिब्बल ने सीबीएसई टेंथ क्लास में सेमेस्टर सिस्टम को लागू किया। यह सिस्टम आस्ट्रेलिया से कॉपी किया गया था। जबकि आस्ट्रेलिया में एक क्लास में 15 स्टूडेंट्स होते हैं और उन्हें एक टीचर मिलती है। वहीं इंडिया में एक क्लास में 50 से लेकर 75 स्टूडेंट्स होते हैं और इन स्टूडेंट्स पर एक टीचर होती है। ऐसी स्थितियों में सेमेस्टर सिस्टम का सफल होना बेहद मुश्किल लगता है।

छात्रों पर मनोवैज्ञानिक दबाव होगा

सिटी सीबीएसई बोर्ड कोआर्डिनेटर गुरुनानक मार्डन स्कूल के प्रिंसिपल बलविन्दर सिंह ने बताया कि बोर्ड एग्जाम होने से स्टूडेंट्स मनोवैज्ञानिक दबाव में आ जाते हैं। अभी तक टेंथ क्लास के करीब 30 परसेंट स्टूडेंट्स बोर्ड और 70 परसेंट स्टूडेंट्स होम एग्जामिनेशन दे रहे हैं। जिससे बोर्ड का पासिंग परसेंटेज बढ़ गया था।

'मेरे विचार से सीबीएसई बोर्ड को स्टूडेंट्स को दोनो ही ऑप्शन देने चाहिए। जो छात्र बोर्ड देना चाहें वह बोर्ड दें जो होम में जाना चाहें उन्हें होम की सुविधा मिले। टेंथ क्लास के छात्र दबाव में आ जाएंगे.'

बलविन्दर सिंह, सीबीएसई बोर्ड सिटी कोआर्डिनेटर