लंबे समय चयन बोर्ड में त्यागपत्र को लेकर चल रहे उहापोह पर विराम

लखनऊ में मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा को त्याग पत्र सौंपा

ALLAHABAD: उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग और माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के विलय प्रक्रिया के बीच चयन बोर्ड के अध्यक्ष पद से हीरालाल गुप्ता के इस्तीफे को लेकर चल रही उहापोह की स्थिति गुरुवार को समाप्त हो गई। रिटायर्ड आईएएस और निवर्तमान अध्यक्ष हीरा लाल गुप्ता ने लखनऊ में अपर मुख्य सचिव संजय अग्रवाल के कार्यालय में त्यागपत्र सौंपा दिया है। अध्यक्ष ने यह कदम चयन बोर्ड का विलय करने पर सरकार के अड़ जाने के बाद उठाया है। अपने त्यागपत्र में उन्होंने इसका जिक्र भी किया है।

लास्ट इयर मिला था पद

बेसिक शिक्षा विभाग के सचिव के पद पर तैनात रहे हीरा लाल गुप्ता को रिटायर होने के बाद सरकार की ओर से अध्यक्ष माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के पद की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। उन्होंने 27 फरवरी 2016 को कार्यभार ग्रहण किया। उन दिनों चयन बोर्ड में कुछ सदस्य उनकी नियुक्ति का चोरी छुपे लगातार विरोध कर रहे थे। ऐसे में चयन बोर्ड को पटरी पर लाने में उन्हें कई चुनौतियों को सामना करना पड़ा। उनके कार्यकाल में चयन बोर्ड में ऑनलाइन आवेदन, ओएमआर शीट का मिलान कराकर रिजल्ट देना और कार्यालय में सीसीटीवी कैमरे के साथ ही जैमर आदि का प्रयोग हुआ। इसके साथ ही साक्षात्कार बोर्ड में कंप्यूटर के जरिये आवंटन की प्रक्रिया शुरू की गई। निरंतर तेजी से काम करने की वजह से ही पिछले एक साल में अशासकीय माध्यमिक कॉलेजों के लिए करीब सात हजार से अधिक प्रवक्ता व स्नातक शिक्षकों का चयन किया। सूबे में सत्ता परिवर्तन के साथ विभिन्न प्रतियोगियों ने चयन में धांधली की शिकायतें की। जिसे देखते हुए आलाधिकारी हीरालाल गुप्ता से भी पद छोड़ने की सलाह देते रहे।

चयन प्रक्रिया रोकने जारी हुआ था फरमान

प्रदेश में नई सरकार के गठन के साथ ही सभी प्रकार की चयन प्रक्रिया रोकने के लिए मौखिक आदेश हुए थे। 23 मार्च को तत्कालीन प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा के निर्देश पर यहां भी चयन प्रक्रिया रोकी गई थी। यह प्रकरण हाईकोर्ट पहुंचा, वहां प्रमुख सचिव ने हलफनामा दिया कि उन्होंने कोई कार्य नहीं रोका है। इसके बाद 2013 के छह विषयों के लंबित परिणाम एक के बाद एक करके जारी कर दिए गए। यहीं से चयन बोर्ड के अध्यक्ष और शासन के बीच मौन टकराव शुरू हो गया। इसके बाद चयन बोर्ड व उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग के विलय की दिशा में सरकार बढ़ चली। इस्तीफे में उन्होंने चयन बोर्ड के विलय और श्री गुप्ता ने कहा है कि बीते 19 जुलाई को शासन ने विलय की बैठक की। इसके बाद पद पर बने रहने का कोई औचित्य नहीं था।

जिो कार्य लंबित हैं, उन्हें नया आयोग पूरा करेगा, इसलिए प्रस्तावित कार्यो का ब्योरा दिया है। मंशा है कि नए आयोग को कोई दिक्कत न हो।

हीरा लाल गुप्ता

निवर्तमान अध्यक्ष, माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड