1- चंद्रबाबू का जन्म चित्तूर जिले के नारावारिपल्ली नामक गाँव में 20 अप्रैल 1950 को हुआ था। उन्होंने श्री वेंकटेश्वर विश्वविद्यालय तिरुपति से अर्थशास्त्र में मास्टर्स की उपाधि हासिल की। राजनीति में रुचि होने के चलते वो अपनी पीएचडी की पढ़ाई पूरी नहीं कर सके।

2- चंद्रबाबू नायडू ने अपने राजनैतिक करियर की शुरुआत छात्र नेता के रूप में की थी। तिरुपति के निकट चंद्रगिरी में उन्होंने यूथ कांग्रेस ज्वाइन की थी। वैश्विक आईटी कंपनियों को भी राज्य में आने का अवसर मिला। राज्य में कई नई कंपनियों के आने से रोजगार को बढ़ावा मिला।

3- चंद्रबाबू नायडू के नाम सबसे अधिक समय तक मुख्यमंत्री रहने का नाम दर्ज है। उन्होंने 1995 से लेकर 2004 तक आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर अपनी राज्य को सेवायें दी हैं। 28 वर्ष की उम्र में वो पहली बार मंत्री बने थे।

4- आंध्रप्रदेश में बीते सालों में आईटी के क्षेत्र में जो भी विकास हुआ है उसका श्रेय चंद्रबाबू नायडू को जाता है। आईटी फील्ड में उन्होंने बहुत काम किया। हैदराबाद को आईटी हब बनाने का श्रेय चंद्रबाबू नायडू को जाता है।

5- राजनीति एक घूमते हुये चक्के की तरह है। कभी आप का समय अच्छा होता है तो कभी आप के सामने वाले का। 2004 और 2009 चुनावों में चंद्रबाबू नायडू को हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद वो 2004 से आंध्रप्रदेश असेम्बली में सबसे बड़ी दूसरी पार्टी बन कर उभरे।

6- चंद्रबाबू नायडू को उनके विजन के चलते 21वीं शताब्दी का मुख्यमंत्री कहा जाता है। उनका एक ही उददेश्य है। प्रदेश का विकास करना। प्रदेश को उन्नति के पथ पर अग्रसर करने के लिये वो कड़ी मेहनत करते हैं।

7- चंद्रबाबू नायडू ने कई अवार्ड भी जीते हैं।

आईटी इंडियन ऑफ द मिलेनियम के अवार्ड से उन्हें सम्मानित किया गया है। इंडिया टूडे की ओर से उन्हें बिजिनेस पर्सन ऑफ द इयर द इकोनमिक टाइम्स, साउथ एशिया ऑफ द इयर का अवार्ड टाइम एशिया की ओर से दिया गया है।

8- आंध्र प्रदेश के मौजूदा विधानसभा चुनावों में सीमांध्र के लोगों ने टीडीपी-बीजेपी गठबंधन जिसका नेतृत्व चंद्रबाबू नायडू कर रहे थे उन्हें 175 विधानसभा सीटों में से 106 में स्पष्ट बहुमत दिया।

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