- रेलवे का दावा अगले दो सालों में प्रदेश में सभी मानव रहित क्रासिंग होंगी खत्म

- प्रदेश में 1000 से अधिक मानव रहित क्रासिंग अभी हैं मौजूद

LUCKNOW:

प्रदेश में अभी भी 1000 से अधिक मानव रहित क्रासिंग हैं। जहां कभी भी हादसा हो सकता है। हालांकि रेलवे प्रशासन का दावा है कि अगले दो सालों में प्रदेश में एक भी मानवरहित रेलवे क्रासिंग नहीं होगी। अब यह दावा कितना सही होगा यह तो वक्त बताएगा। फिलहाल प्रदेश में स्कूली वैन और बसों को अगले दो सालों तक मानव रहित क्रासिंग पर विशेष ध्यान देना होगा।

1052 क्रासिंग मानवरहित

रेलवे के अधिकारियों के अनुसार मानवरहित क्रासिंग पर होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिए गेटमित्र और होमगार्ड की तैनाती की गई है। कई जगहों पर यह व्यवस्था नहीं है। लेकिन अब रेलवे ने इन सभी मानवरहित रेलवे क्रासिंग को बंद करने का मन बना लिया है और इसके लिए दो साल का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। रेलवे के अनुसार एक सितंबर 2018 के बाद उत्तर मध्य रेलवे प्रदेश का पहला ऐसा जोन होगा जहां एक भी मानव रहित क्रासिंग नहीं होगी।

दो साल का इंतजार

प्रदेश में चार जोनल रेलवे के अंतर्गत नौ रेल मंडल हैं। लेकिन जिन मंडलों में क्रासिंग नहीं है, उनमें पूर्वोत्तर रेलवे के तीन मंडल शामिल हैं। इनमें कुल 1974 रेलवे क्रासिंग हैं। 1341 क्रासिंग पर चौकीदार तैनात हैं, जबकि 633 पर नहीं। उत्तर मध्य रेलवे के तीन मंडलों में 951 क्रासिंग हैं। 79 क्रासिंग मानवरहित हैं। उत्तर रेलवे की 314 मानवरहित रेलवे क्रासिंग इस प्रदेश में हैं। रेलवे ने जो मानव रहित रेलवे क्रासिंग को बंद करने की तैयारी की है। उत्तर रेलवे मुरादाबाद रेल मंडल की इस वित्तीय वर्ष में 51 और अगले वित्तीय वर्ष में 118 क्रासिंग बंद की जाएंगी।

लखनऊ मंडल का हाल

लखनऊ मंडल की 50 मानवरहित क्रासिंग को इस वित्तीय वर्ष में बंद किए जाने का लक्ष्य रखा गया है। जबकि बची 71 क्रासिंग 2019-20 में बंद की जाएंगी। पूर्वोत्तर रेलवे ने भी अपनी 633 मानवरहित क्रासिंग को जल्द बंद कराएगा।

कोट

बीते वित्तीय वर्ष में 600 से अधिक मानवरहित रेलवे क्रासिंग बंद गई हैं। इस पर काम चल रहा है। उम्मीद है कि 2019 के बाद एक भी मानवरहित क्रासिंग यूपी में नहीं होगी।

नितिन चौधरी

मुख्य जनसंपर्क अधिकारी