-परिसर के अंदर फैले हैं सिगरेट गुटखे के पाउच, बाहर शराब की बोतलें,

-आसपास के लोग बताते हैं अक्सर आती हैं चीखने-चिल्लाने की आवाजें

BAREILLY

संप्रेक्षण गृह में बाल अपचारियों को सुधार के लिए रखा जाता है। ताकि, जब वह अपनी सजा पूरी कर बाहर आएं तो अपराध की राह छोड़ सामान्य जीवन व्यतीत कर सकें, लेकिन बरेली में स्थित संप्रेक्षण गृह जुवेनाइल होम के हालात इस बात पर संदेह पैदा करने वाले हैं। जुवेनाइल होम के अंदर बिखरे तम्बाकु और गुटखे के खाली पाउच और दीवारों के पास बिखरी खाली शराब की बोलते देखकर इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि जुवेनाइल्स में यहां क्या और कितना सुधार हो रहा होगा। बाल संप्रेक्षण गृह के आसपास के माहौल का आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने रियलिटी चेक तो चौंकाने वाले नजारे दिखे। जो बाल संप्रेक्षण गृह की पोल खोलने के लिए काफी है

50 की क्षमता, 108 अपचारी बंद

बाल संप्रेक्षण गृह की क्षमता 50 बाल अपचारियों की है, जिसमें दोगुना से भी अधिक बाल अपचारी बंद हैं। ऐसे में, एक स्वस्थ माहौल पर सवाल उठना स्वाभाविक है। ऊपर से कैंपस में गुटखा, बीड़ी मिलना अव्यवस्था को उजागर करता हैं कि अंदर बाल अपचारियों के सुधार के लिए कौन सी 'क्लास' चल रही है। हैरत की बात है कि नशीले पदार्थो के खुले में बिखरे रैपर्स को संप्रेक्षण गृह के अफसर भी नजरअंदाज कर रहे हैं। हम यह तो दावा नहीं करते कि इनका सेवन बाल अपचारी कर रहे होंगे, लेकिन परिसर में इनकी मौजूदगी बड़ा सवाल खड़ा करने वाली है। आसपास के माहौल का असर बाल अपचारियों पर पड़ना स्वाभाविक है। साइकोलॉजिस्ट हेमा खन्ना का कहना है कि युवा अवस्था की तरफ बढ़ रहे किशोरों के कदमों पर माहौल का असर दिखता है।

गेट पर ही गंदगी

संप्रेक्षण गृह के गेट पर बह रहा गंदा पानी और आसपास मौजूद गंदगी अंदर की सफाई की पोल खोल रही है।

गेट के सामने मच्छर भगाने वाला लोशन की खाली शीशियां पड़ी थीं। वहीं बाल सुधार गृह परिसर की दीवार से सटी हुई शराब की बोतल पड़ी थी।

स्थानीय निवासियों ने खोली पोल

नाम न छापने की शर्त पर बाल सुधार गृह के आसपास रह रहे लोगों ने अधिकारियों की करतूतों की पोल खोली। उन्होंने बताया अधिकांश समय परिसर में मयखाने सजते हैं। जाम से जाम टकराए जाते है। जिससे उनके चिल्लाने की आवाज बाहर तक आती है। वहीं बाल सुधार गृह में बंद अपने बच्चे से मिलने आए अभिभावक ने बताया कि उनके बच्चे ने उन्हें कई बार बताया कि मच्छरों की वजह से वह रात को चैन से सो नहीं पाता है। अधिकारियों से कई बार मॉस्कीटो किलर मांगा, लेकिन नहीं मिली। इसलिए वह अपने बच्चे के लिए मच्छर मारने का लोशन लेकर आए हैं।