RANCHI: रतन टॉकिज के कोलकाता बिरयानी, डोरंडा के रसिक लाल रेस्टोरेंट, कांटाटोली चौक के मल्लिक होटल समेत सिटी के सात होटलों में काम कर रहे करीब ख्ब् छोटे-छोटे बच्चों को शुक्रवार को मुक्त कराया गया। वहीं, होटल व रेस्टोरेंट मालिकों को थाने भेज दिया गया। एसडीओ भोर सिंह यादव की बालश्रम के खिलाफ ताबड़तोड़ छापेमारी से नाबालिग लड़कों से काम कराने वाले होटल मालिकों में हड़कंप मच गया। एसडीओ ने बूटी मोड़, बरियातू, कांटाटोली, डोरंडा, ओवरब्रिज, रतन टॅाकिज समेत कई होटलों में छापेमारी की।

रसिक लाल रेस्टोरेंट में काम कर रहे थे क्0 बच्चे

डोरंडा के चर्चित होटल रसिक लाल रेस्टूरेंट से एसडीओ ने दस बाल मजदूरों को मुक्त कराया तथा होटल के मालिक व उनके बेटे को हिरासत में लेकर डोरंडा थाना भेज दिया। इसके अतिरिक्त कांटाटोली के मल्लिक होटल, ओवरब्रिज के एक होटल, बरियातू के दो होटलों, बूटी मोड़ के चार होटलों में भी छापेमारी की।

बच्चों से काम कराते हो, शर्म नहीं आती

एसडीओ भोर सिंह यादव बूटी मोड़ के एक होटल में जब छापेमारी करने के लिए गए तो वे खुद ग्राहक बन गए। होटल में बैठ खाने के लिए ऑर्डर दिया। तभी वहां एक बच्चा ग्लास में पानी लेकर आया। उसका नाम पूछा, फिर पूछा कि तुम्हें कितना मिलता है। इस पर बच्चे ने कहा कि उसे तीन हजार रुपए मिलते हैं। इसके बाद पूछा गया कि बालिग को कितना मिलता है तो कहा गया कि पांच हजार रुपए। इसके बाद वे खड़े हुए और होटल मालिक को कहा कि तुम बालश्रम करवाते हो। शर्म नहीं आती। फिर उन्होंने पीसीआर टीम बुलाई और होटल मालिक को थाने भेज दिया।

हुजूर, पहचान नहीं पाया, माफ कर दीजिए

इसके बाद एसडीओ कांटाटोली चौक स्थित मल्लिक होटल पहुंचे। वे वहां पहुंचे तो वहां मौजूद लड़कों को काम करते देख निकाला। इस पर मल्लिक होटल के मालिक ने कहा कि आप कौन होते हैं, बच्चों को ले जानेवाले। मालिक उनसे झगड़ने लगा। इतने में पुलिस वहां पहुंच गई तो उसके तेवर ढीले पड़ गए। पुलिस वालों ने कहा कि ये एसडीओ साहब है। इस पर होटल मालिक की बोलती बंद हो गई और कहा कि हमने पहचाना नहीं, माफ कर दीजिए। एसडीओ ने मालिक को लोअर बाजार थाना पुलिस के हवाले कर दिया।

गया से लाए थे बच्चे, आधार कार्ड दिखाओ

इस बीच एसडीओ रतन टॉकिज कोलकाता बिरयानी होटल में पहुंचे तो देखा कि वहां तीन नाबालिग काम कर रहे हैं। जब तक होटल मालिक समझ पाता, तबतक तीनों बच्चों को गाड़ी में बिठा लिया गया और होटल के मालिक और उनके बेटे को लोअर बाजार थाना भेज दिया गया। थाना में पर पुलिस अधिकारी ने कहा कि बच्चों का आधारकार्ड, शैक्षणिक प्रमाण पत्र लाओ। इस पर कहा गया कि वे लोग गया के हुजई से बच्चों को लाए हैं। इतनी जल्दी कैसे होगा। इस पर कहा गया कि जब तक उनकी उम्र के सर्टिफिकेट नहीं आ जाते, तबतक ऐसे ही थाने में रहेंगे और नहीं तो जेल जाना पड़ेगा।

बॉक्स।

इशारा करूं, तभी एक्शन में आना

हमसे दूरी बनाकर रहना, जब इशारा करूं, तब एक्शन में आना। मैं जिधर जाऊं, उधर जाने देना। जो टकराता है, टकराने देना। न आगे जाना, न पीछे आना। जब हंगामे की स्थिति हो तो आना जाना। हां, मुझे फॉलो जरूर करना। शुक्रवार को छापेमारी करने से पूर्व अपने अधीनस्थ को यह निर्देश देते हैं। एसडीओ भोर सिंह यादव अपने साथ दो महिला कांस्टेबल, चार पुलिस फोर्स साथ में रखते हैं। अपने वाहन में एसडीओ वेश बदलने के सामान तक रखते हैं, ताकि कहीं उन्हें वेश बदलकर जाना पड़े तो वह बदल लें।