-बैडमिंटन कोच पर शोषण के आरोप में खेल राज्यमंत्री ने ली पूरे मामले की जानकारी

-करीब एक घंटे तक स्टेडियम में दर्ज हुआ दोनों पक्ष का बयान

>VARANASI

सिगरा स्टेडियम बैडमिंटन कोच पर खिलाडि़यों द्वारा लगाए शोषण के आरोप के प्रकरण में मंगलवार को डीएम के निर्देश पर अपर नगर मजिस्ट्रेट (तृतीय) मामले की जांच करने और बयान लेने स्टेडियम पहुंचे। दोनों पक्षों का अलग-अलग बयान लिया। दोनों पक्षाें ने एक-दूसरे पर आरोप लगाए। वहीं प्रदेश के खेल राज्य मंत्री डॉ। नीलकंठ तिवारी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए क्षेत्रीय क्रीड़ाधिकारी से रिपोर्ट तलब की है। उन्होंने समयबद्ध जांच पूरी करते हुए रिपोर्ट के लिए बुधवार की सुबह दस बजे तक समय दिया है।

कई मामले आए सामने

एसीएम चंद्रशेखर और सिगरा थानाध्यक्ष गोपाल गुप्ता शाम को करीब पांच बजे सिगरा स्टेडियम पहुंचे। वहां पर क्षेत्रीय क्रीड़ाधिकारी डॉ। भगवान राय और जिला बैडमिंटन संघ के पदाधिकारी मौजूद थे। मजिस्ट्रेट और पुलिस ने महिला खिलाडि़यों और बैडमिंटन कोच के अलग-अलग बयान लिए। इस दौरान कुछ ऐसे मामले आए जो चौंकाने वाले थे। जिसकी अलग से जांच की जाएगी। मजिस्ट्रेट ने बताया कि मामला गंभीर है और जांच भी उतनी गंभीरता से की जाएगी। अभी और लोगों के बयान लेने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। क्षेत्रीय क्रीड़ाधिकारी डॉ। भगवान राय ने बताया कि उन्होंने पूरे प्रकरण के बारे में खेल मंत्री और विभाग के उच्चाधिकारी को अवगत करा दिया है। बैडमिंटन संघ के सचिव डॉ। आरएन सरकार, उपाध्यक्ष आरएस यादव, अजय शंकर तिवारी और नागेंद्र सिंह मजिस्ट्रेट ने बयान लिया है। इस बारे में कुछ भी नहीं कहा जा सकता है। उधर, कोच का पक्ष लेने वालों का कहना है कि इस समय लखनऊ में अंशकालिक मानदेय प्रशिक्षकों का चयन परीक्षण चल रहा है। ऐसे में कुछ लोग प्रशिक्षकों पर तरह-तरह के आरोप लगाते हैं ताकि उनका चयन न हो सके। वहीं महिला खिलाडि़यों का कहना है कि जिन खेलों में बालिका प्रशिक्षुओं की संख्या अधिक हो वहां पर महिला प्रशिक्षकों की नियुक्ति होनी चाहिए। अगर ऐसा हो जाता है तो बालिका प्रशिक्षुओं की समस्याएं आसानी से हल हो जाएंगी।