-शहर में हर रोज, हर ओर लगा रहा है भीषण जाम

-चिलचिलाती धूप में पब्लिक की निकल रही जान

-मिनटों की दूरी को तय करने में लग जा रहे घंटों

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सुबह के दस बजे हैं। रेवड़ी तालाब में भीषण जाम लगा है। गाडि़यां बमुश्किल रेंग पा रही हैं। वर्किग परसन, शॉपकीपर, मरीज अपने-अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए परेशान हैं। आसपास की पब्लिक जाम छुड़ाने की कोशिश में लगी है लेकिन सफलता नहीं मिल पा रही है। यह हालात दोपहर तक बने हुए थे।

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सुबह से ही तेलियाबाग से लेकर नदेसर तक जाम है। गाडि़यों की लम्बी कतार लगी है। मरी माई और अंधरापुल चौराहे पर टै्रफिक पुलिस के जवान टै्रफिक रूल्स को फॉलो कराने के लिए वाहनों को रोक और छोड़ रहे हैं। लेकिन जाम खत्म कराने को लेकर गंभीर नहीं हैं।

ये जरूर बुधवार के सीन हैं जिसमें शहर के अलग-अलग इलाकों में जाम की समस्या नजर आ रही है। इस दिन पूरा शहर जाम की जबरदस्त चपेट में रहा। इसकी वजह एग्जाम में शामिल होने आए हजारों स्टूडेंट्स बताये जा रहे हैं, लेकिन इस शहर के लिए जाम हर रोज की बात है। या यूं कहें कि जाम लगना बनारस के लिए आम हो चुका है। हर सड़क, हर चौराहा सुबह से लेकर देर शाम तक इसकी चपेट में रहता है। दो किलोमीटर की दूरी तय करने में कई बार दो घंटे का वक्त लग जाता है। समय, संसाधन दोनों का नुकसान होता है। चिलचिलाती धूप में जाम में फंसकर हांफते लोगों की सेहत भी खराब होती है। जाम की समस्या से निजात दिलाने के लिए ढेरों प्लान बनाये गए लेकिन सबके सब फेल साबित हुए। इस बार शहर के आला पुलिस अधिकारी एडीजे ने खुद इस पर गंभीरता दिखायी है। देखते हैं क्या कुछ हो पाता है।

ढेरों हैं वजहें

-शहर में जाम लगने की ढेरों वजहें हैं जिनको दूर किए बिना इस समस्या का समाधान नहीं निकाला जा सकता है

-लोकल एडमिनिस्ट्रेशन ने टै्रफिक के लिहाज के बॉटल नेक रोड्स को चौड़ा करने का प्लान बनाया लेकिन तीन के अलावा कोई रोड चौड़ी नहीं हुई

-शहर में लाखों की संख्या में गाडि़यां हैं लेकिन उनकी पार्किग का इंतजाम नहीं है। रोड पर गाडि़यां पार्क होने से जाम लगता है

-जाम की बड़ी वजह अवैध वाहन स्टैंड भी हैं। शहर में दर्जनों अवैध ऑटो स्टैंड संचालित हो रहे हैं

-शहर की सड़कों पर दौड़ने वाले हजारों डग्गामार वाहन टै्रफिक का लोड बढ़ाते हैं जो जाम की वजह बनते हैं -चौराहों पर अतिक्रमण अरसे से किया गया है। इन्हें हटाये बिना जाम की प्रॉब्लम खत्म नहीं होगी

जाम की समस्या सबसे बड़ी है। आम से लेकर खास तक इससे दो-चार होता है लेकिन इस प्रॉब्लम का समाधान नहीं हो रहा है।

हिमांशु गिरी, नदेसर

शहर में कहीं जाना हो तो आधा-एक घंटे का एक्स्ट्रा समय लेकर घर से निकलना पड़ता है। जाने कब जाम का सामना करना पडे़

अभय प्रताप, पहडि़या

जाम में वक्त तो बर्बाद होता है फ्यूल का भी काफी नुकसान होता है। चिलचिलाती धूप में जाम तो जान ही निकाल देता है।

विशाल यादव, गोदौलिया

शहर की ऐसी कोई सड़क नहीं है जिस पर जाम न लगता हो। जाने कब इस समस्या से छुटकारा मिलेगा।

मनीष चौबे, कमच्छा

शहर की टै्रफिक समस्या को लेकर अधिकारियों से प्लान मांगा गया है। यह सिर्फ प्लान तक सीमित नहीं रहेगा बल्कि उस पर कड़ाई से पालन किया जाएगा।

विश्वजीत महापात्रा

एडीजी जोन