- मतदाता सूची में संशोधन का काम अधर में

- 87 बीएलओ के खिलाफ मुकदमा दर्ज, दबाव के बाद भी बीएलओ नहीं कर रहे संशोधन का कार्य

- पूर्व विधायक लक्ष्मीकांत ने की एडीएम प्रशासन से मुलाकात

मेरठ: जिला प्रशासन के निर्देश के बावजूद मतदाता सूची के पुनर्रीक्षण का कार्य पिछड़ रहा है। ऐसे तो निकाय चुनाव का कार्य पिछड़ जाएगा। डीएम समीर वर्मा के आदेश पर शुक्रवार दिनभर प्रशासनिक अधिकारियों की टीम तहसीलों में जमी रही तो वहीं पुनर्रीक्षण कार्य से पल्ला झाड़ रहे 87 बीएलओ के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया।

तहसीलों में अफरा-तफरी

नगर निकाय चुनाव सिर पर हैं और मतदाता पुर्नरीक्षण का काम आरंभ तक नहीं हुआ है। राज्य निर्वाचन आयोग की सख्ती के बाद जिला प्रशासन ने लापरवाही बरत रहे कर्मचारियों पर नजरें टेढ़ी की हैं। शुक्रवार को डीएम के निर्देश पर सभी एसीएम और एसडीएम तहसीलों में तहसीलदार के साथ बीएलओ की ड्यूटी सुनिश्चित करते रहे तो वहीं एडीएम प्रशासन दिनेश चंद्र ने बैठक कर अधीनस्थों को कड़े निर्देश दिए। बचत भवन सभागार में आयोजित बैठक में उन्होंने नगर निकाय सामान्य निर्वाचन-2017 के लिए मतदाता सूची के संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्य की समीक्षा की।

पूर्व विधायक लक्ष्मीकांत ने की शिकायत

भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने बैठक में बताया कि अभी कुछ मतदेय स्थलों पर बीएलओ अनुपस्थित है जिनके कारण पुनरीक्षण कार्य बाधित हो रहा है। उन्होंने कहा कि बैठक में अन्य समस्याओं को भी एडीएम के समक्ष प्रस्तुत किया जिस पर एडीएम ने निस्तारण के लिए संबंधित अधिकारी को निर्देश दिए। मतदेय स्थलों का औचक निरीक्षण कर वे बीएलओ की उपस्थिति को जांचेगे।

ये हैं प्रमुख तिथियां

9 मई-ड्रॉफ्ट निर्वाचक नामावली का प्रकाशन

9-15 मई-आपत्तियां और दावे

16-19 मई-आपत्तियों का निस्तारण

20-24 मई-संशोधन

25 मई-संशोधित सूची का प्रकाशन

इनसेट

तैयारियों की होगी समीक्षा

निकाय चुनाव की तैयारी के लिए राज्य निर्वाचन आयुक्त एसके अग्रवाल 22 मई को मेरठ आ रहे हैं, वे निकाय चुनाव की तैयारियों की समीक्षा करेंगे।