- सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ली वन अधिकारियों की जमकर क्लास

- सचिवालय में की वन विभाग की समीक्षा, अफसरों से मांगी जानकारी

- सीएम ने पूछा, बिना लीसा बेचे कैसे चल रही हैं 100 फैक्ट्रियां

DEHRADUN: सीएम त्रिवेंद्र सिहं रावत ने गुरुवार को वन विभाग के अधिकारियों की जमकर क्लास ली। सचिवालय में वन विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक में सीएम ने जानना चाहा कि वन विभाग के कागजों पर खूब हरियाली है, लेकिन ये हरियाली मौके पर क्यों नहीं है। उन्होंने यह भी पूछा कि यदि वन विभाग के डिपो से लीसा बेचा ही नहीं जा रहा है तो राज्य में क्00 से अधिक लीसा फैक्ट्रियां कैसे चल रही हैं। बैठक में सीएम के साथ वन एवं पर्यावरण मंत्री हरक सिंह रावत भी थे।

बंदरों और सूअरों से फसल को बचाएं

मुख्यमंत्री ने पूछा कि चारागाह विकास, वृक्षारोपण की योजनाओं को मॉनिटर कैसे किया जा रहा है, उन्होंने कहा कि विभाग की सभी वृक्षारोपण योजनाओं का आधुनिक तकनीकी से लगातार मॉनीटरिंग करें। सीएम ने यह भी कहा किबंदरों और जंगली सूअरों से खेती को होने वाले नुकसान को रोकने के लिये ठोस प्रयास किए जाएं। उन्होंने मानव वन्य जीव संघर्ष रोकने के लिए किये जा रहे उपायों के बारे में जानकारी ली।

लीसा पारदर्शी तरीके से नीलाम करें

सीएम ने लीसा चोरी के मामलों पर सख्ती दिखाते हुए पूछा कि यदि वन विभाग के डिपो से लीसा बिक्त्री नहीं हो रही तो लीसा की क्00 से अधिक फैक्ट्रियां कैसे चल रही हैं। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि वन विभाग के सभी डिपों में एकत्र लीसे को पारदर्शी तरीके से नीलाम किया जाय। नीलामी प्रक्त्रिया को उच्च स्तरीय अधिकारियों की समिति द्वारा मॉनिटर किया जाय।

ट्रांजिट फीस बढ़ाने का प्रस्ताव दें

सीएम को बताया गया कि प्रदेश में वन विभाग के चार डिपो में 0ख्.8भ् लाख क्विंटल लीसा नीलाम किया जाना है। वन विभाग द्वारा ट्रांजिट फीस क्भ् रुपए प्रति टन को बेहद कम बताते हुए मुख्यमंत्री ने इसे भ्0 रुपये प्रति टन करने के लिये कैबिनेट में प्रस्ताव लाने के निर्देश दिये। उन्होंने इसके लिये सीमावर्ती प्रदेशों की शुल्क व्यवस्था का तुलनात्मक अध्ययन करने को भी कहा।

अवैध खनन पर हो छापेमारी

मुख्यमंत्री ने कहा कि अवैध खनन रोकने के लिए वन विभाग और जिला प्रशासन संयुक्त टास्क फोर्स बना कर नियमित रूप में छोपमारी करें। उन्होंने मुख्य सचिव को निर्देश दिये कि जल्द ही वन, खनन, परिवहन और पुलिस की बैठक कर अवैध खनन पर रोक लगाने के लिये और अधिक मजबूत पारदर्शी इन्फोर्समेंट व्यवस्था बनाई जाय। सीमावर्ती इलाकों में छापेमारी करने के लिये यदि पड़ोसी राज्यों के अधिकारियों के साथ संयुक्त टीमें भी बनानी पड़े तो उसकी भी कार्रवाई की जाय।

फॉरेस्ट फायर रोकना हो प्राथमिकता

मुख्यमंत्री ने कहा कि वनाग्नि से निपटने के लिये फायर लाइन के रखरखाव के साथ ही स्थानीय समुदाय के साथ भी सहभागिता की जाय। प्री.फायर अलर्ट सिस्टम को मजबूत किया जाय। उन्होंने कहा कि उरेडा द्वारा पिरूल से बिजली बनाने की जो नीति बनाई गई है उसे प्रोत्साहित किया जाय। उन्होंने कहा कि पिरूल के अन्य उपयोगों के लिए भी नीति बनाई जाय और पिरूल का उठान प्रोत्साहित किया जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़कों के लिये वन भूमि हस्तांतरण प्रक्त्रिया तेज की जाय।

कंडी मार्ग पर भी हुई चर्चा

बैठक में कोटद्वार-रामनगर कंडी मार्ग पर भी विस्तार से विचार विमर्श किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार मार्ग को प्रारम्भ करने के लिये प्रतिबद्ध है और इसके लिये सभी संभव विकल्पों पर विचार किया जा रहा है। यदि इसके लिये एलिवेटेड रोड बनानी हो अथवा ग्रीन रोड बनानी हो तो भी विचार किया जाएगा।