पहले दो गोल्ड मेडल मिल चुके

हरियाणा के झज्जर की रहने वाली मनु भाकर का यह गोल्ड बहुत ही खास है, क्योंकि इसे उन्होंने सिर्फ 16 की उम्र जीता है। बता दें कि इससे पहले मनु को मैक्सिको के शूटिंग वर्ल्ड कप में भी दो गोल्ड मेडल मिल चुके हैं। बॉक्सिंग छोड़कर शूटिंग में करियर बनाने को लेकर मनु के बारे में उनके पिता राम किशन भाकर पुराने समय को याद करते हुए बताते है कि 24 अप्रैल 2016 यानी 14 की उम्र में बॉक्सिंग छोड़कर पहली दफा मनु ने शूटिंग रेंज में एयर पिस्टल से निशाना साधा था। पहली दफा में ही निशाना इतना सटीक बैठा कि रेंज में मौजूद कोच सहित हर कोई हैरान हो गया। बस उस दिन के बाद मनु ने शूटिंग में अपनी रुचि दिखाई। आज नतीजा सभी के सामने है।

बेईमानी के बाद निशानेबाजी से नाता जोड़ा

उनके पिता ने यह भी कहा कि मुक्केबाजी, स्केटिंग, कबड्डी, कराटे, लॉन टेनिस आदि खेलों में बढ़िया प्रदर्शन कर चुकी मनु ने अपने साथ हुई एक बेईमानी के बाद निशानेबाजी से नाता जोड़ा था। शायद उसे भी नहीं पता था कि निशानेबाजी उसे यह मुकाम दिला देगी। उसे मूलभूत सुविधाएं दिलाने के लिए पिता रामकिशन और माता सुमेधा ने कही कोई कसर नहीं छोड़ी। बता दें कि इससे पूर्व मनु ने दिसंबर में जापान के एशियन चैंपियनशिप में दस मीटर एयर पिस्टल में भी सिल्वर मेडल हासिल किया था। इसके अलावा उन्होंने पिछले साल दो राष्ट्रीय रिकॉर्ड भी अपने नाम किए।

पढ़ाई में भी होनहार

12वीं में पढ़ने वाली मनु भाकर के बारे में उनकी साथी छात्राओं का कहना है कि मनु पढ़ाई में भी होनहार है। ऐसी कोई परिस्थिति नहीं होती कि जिसका उसके पास जवाब नहीं हो। बस अब इंतजार है तो उसके वापिस आने का। वह आए और हम सभी से मिल जुलकर काफी बातें करें। हां, उसे गांव का देशी खाना खूब पसंद है। उसकी खास इच्छा रहती थी कि सभी साथी छात्राएं मिल-जुल कर लंच ब्रेक में साझा भोजन करें।