सफाई कर्मचारी- 3225

संविदा कर्मचारी - 2215

परमानेंट कर्मचारी- 1010

शहर में कुल वार्ड- 80

- नगर निगम में सफाई कर्मचारियों पर कसा जाएगा शिकंजा

- चौदह कंपनियां देती हैं संविदा कर्मियों की सुविधाएं

आई एक्सक्लूसिव

मेरठ। नगर निगम में सफाई कर्मियों पर जल्द ही शिकंजा कसा जाएगा। पहले की फर्मो को निरस्त करके दोबारा से सफाई कर्मचारियों का टेंडर किया जाएगा। दोबारा से टेंडर होने से सफाई कर्मचारियों के वेतन में होने वाली गड़बड़ी को भी रोक जा सकेगा।

वेतन में घपला

नगर निगम के अधिकारियों के अनुसार 200 सफाई कर्मचारी ऐसे हैं जो न तो काम पर आते हैं और ना ही वह अटेंडेंस लगाते हैं। फिर भी उनका वेतन निकाला जाता है। फर्जी तरीके से उनकी हाजिरी लगाकर वेतन निकाला जाता है। यह बात अपर नगर आयुक्त द्वारा की जांच में सामने आया है। अब नगर निगम ऐसे कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की तैयारी कर रहा है।

चौदह कंपनियां

नगर निगम में स्वास्थ्य विभाग के अलावा विभिन्न विभागों में संविदा कर्मचारियों के रूप में सुविधाएं देता है। सभी का टेंडर दोबारा से किया जाएगा। अगले माह में टेंडर की प्रक्रिया को दोबारा से किया जाएगा।

कई बार उठा मामला

सफाई कर्मियों के काम पर न आने और उनका लगातार वेतन निकालने के मामले को लेकर अनेक बार हंगामा हो चुका है। नगर निगम की बोर्ड बैठक में पार्षदों द्वारा इस मामले को अनेक बार उठाया जा चुका है। बावजूद इसके कार्रवाई कुछ नहीं होती है।

---

संविदा सफाई कर्मियों को टेंडर दोबारा से किया जाएगा। स्वच्छ भारत मिशन को पूरा करने के लिए जनसंख्या के हिसाब से कर्मचारियों की भर्ती की जाएगी। इसके अलावा उनके बायोमेट्रिक अटेंडेंस की भी व्यवस्था की जाएगी, जिससे पता चल सके कि कौन कर्मचारी काम पर आया है कौन नहीं।

-डॉ। कुंवर सेन

नगर स्वास्थ्य अधिकारी नगर निगम