विजयनगर के महाराज की कप्तानी में खेला गया 15 अगस्त को पहला मैच
भारतीय क्रिकेट टीम ने 15 अगस्त को कोई अंतरराष्ट्रीय मैच पहली बार 1936 में खेला। तब तक भारत आजाद भले ही नहीं हुआ था लेकिन आजादी की मांग जोर पकड़ चुकी थी। भारतीय टीम विजयनगर के महाराज की कप्तानी में सीरिज खेलने इंग्लैंड पहुंची थी। यह सीरिज का तीसरा मैच था। लार्ड्स में जहां भारतीय टीम को हार का सामना करना पड़ा था। वहीं मैनचेस्टर में मैच ड्रॉ रहा था। तीसरा मैच 15 से 18 अगस्त के बीच खेला गया। ओवल मैदान पर खेले गए इस मैच के पहले दिन इंग्लैंड ने टॉस जीतकर बल्लेबाजी की। टीम ने 8 विकेट खोकर 471 रन बनाए। भारतीय टीम पहली पारी में 222 रन ही बना सकी व उसे फॉलोऑन का सामना करना पड़ा। दूसरी पारी में टीम ने सी के नायडू के 81 रनों की बदौलत 313 रन बनाए। इस तरह इंग्लैंड को जीत के लिए 64 रनों का मामूली लक्ष्य मिला जो उसने आसानी से हासिल कर लिया।

जब आजाद देश की टीम पहली बार खेली आजादी के दिन  
आजाद देश के तौर पर 15 अगस्त के दिन भारतीय क्रिकेट टीम पहली बार 1952 में खेली। टीम इंग्लैंड के दौरे पर थी। ओवल में अंतिम टेस्ट मैच खेलने उतरी भारतीय टीम  सीरीज पहले ही हार चुकी थी। 14-19 अगस्त के बीच खेले गए इस मैच में इंग्लैंड ने टॉस जीतकर बल्लेबाजी करने का फैसला लिया। मैच के दूसरे दिन 15 अगस्त को इंग्लैंड ने 6 विकेट पर 326 रन बनाकर पारी घोषित कर दी। जवाब में भारतीय टीम ने उस दिन 50 रन पर 5 विकेट खो दिए। अगले दिन भारतीय टीम पहली पारी में 98 रन बनाकर आउट हो गई। वर्षा प्रभावित यह मैच ड्रॉ। 


15 अगस्‍त को जब भी खेली टीम इंडिया यह रहा नतीजा

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आजादी के बाद दूसरी बार 15 अगस्त के दिन भारत ने श्रीलंका के खिलाफ 2001 में गाले में टेस्ट मैच खेला। इसे सनत जयसूर्या व कुमार संगकारा की शतकीय पारियों के लिए याद किया जाता है। भारतीय टीम की कप्तानी सौरव गांगुली कर रहे थे। यह सीरिज का पहला मैच था जो 14-18 अगस्त के बीच खेला गया। मैच के दूसरे दिन 15 अगस्त को भारतीय टीम अपनी पहली पारी में महज 187 रन बनाकर आउट हो गई। सनत जयसूर्या ने इस दिन शतक लगाकर अपनी टीम को मजबूत स्थिति में ला दिया। अगले कुमार संगकारा ने भी शतकीय पारी खेली। श्रीलंका ने पहली पारी में 362 रन बनाए। भारतीय टीम दूसरी पारी में महज 180 रन बना सकी। इस तरह श्रीलंका को जीत के लिए सिर्फ 6 रन बनाने पड़े।

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15 अगस्त के दिन फिर इंग्लैंड से आमना-सामना
साल 2014 में महेन्द्र सिंह धौनी की कप्तानी में भारतीय टीम ने इंग्लैंड का दौरा किया। ओवल मैदान पर 15-17 अगस्त के बीच सीरिज का पांचवा व आखिरी टेस्ट मैच खेला गया। भारतीय टीम पहली पारी में 148 रन बनाकर आउट हो गई। इनमें से 82 रन सिर्फ धौनी ने बनाए। विराट कोहली इस मैच की पहली पारी में सिर्फ 6 रन बना सके थे। इंग्लैंड की टीम पहली पारी 486 रन बनाकर ऑल आउट हो गई। जेई रूट ने 149 रनों की शतकीय पारी खेली। दूसरी पारी में बल्लेबाजी करनी उतरी भारतीय टीम का हाल और भी बुरा रहा। टीम सिर्फ 94 रन बनाकर आउट हो गई। कप्तान धौनी जहां शून्य पर आउट हुए। वहीं स्टुअर्ट बिन्नी ने सर्वाधिक 25 रनों का योगदान दिया। कोहली ने 20 रन बनाए। नतीजतन भारत न सिर्फ मैच बल्कि सीरिज भी हार गया।  

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