गोरखपुर नगर निगम का सबसे घनी आबादी वाला एरिया है सिविल लाइन द्वितीय। करीब हर घर में किराएदार हैं यानी जनसंख्या भी भरपूर है लेकिन सुविधाएं नजर नहीं आतीं। मोहल्ले की एक रोड सही है तो दूसरी टूटी हुई। नाली जाम है और कई जगह रोड पर जलजमाव है। बिजली के तार उलझे हुए हैं जो घरों में पहुंचने से पहले ही आधी बिजली पी जाते हैं तो सफाई व्यवस्था भी दोषपूर्ण ही है। रोड पर आवारा पशु घूमते रहते हैं। सुविधाएं कम हैं असुविधाएं ज्यादा हैं। सिविल लाइन द्वितीय की आंखों देखी यही कहानी है। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट टीम बुधवार को दोपहर 1 बजे डीआईजी बंगले के सामने से प्रवेश की तो सबसे पहले महेश मिश्रा मिले। टूटी रोड के किनारे गिट्टी को दिखाते हुए बोले, देखिए यही सुविधा पिछले तीन माह से मिल रही है। आगे धीरेंद्र प्रवोजिन स्टोर के सामने पांच साल से जल जमाव की समस्या बताई।

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सड़क

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इस वार्ड में टुकड़ों में अच्छी और खराब सड़क दोनों मिल जाएगी। कबाड़ी मार्केट से अंदर जाने पर तारकोल से बनी रोड टूटी हुई है। उसके बाद सीसी रोड मिलेगी। उसके बाद शिव मंदिर के बाद से रोड टूटी हुई मिलने लगती है। स्थिति यह है कि डीआईजी बंगला आने वाला रास्तों में सड़क कम, गड्ढा अधिक दिखता है। धीरेंद्र प्रोविजनल स्टोर के सामने यह रोड गांव की पगडंडी से भी खराब हालत में है।

सफाई

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नगर निगम के अन्य वार्डो से इस वार्ड की सफाई कुछ अच्छी है। वार्ड की स्थिति देखकर यही लगता है कि वार्ड की सड़कें तो साफ हो जाती हैं, लेकिन नालियों की कभी सफाई होती ही नहीं है। गर्मी के महीने में भी इस एरिया के नालियों का पानी सड़क के लेवल के बराबर बहता है। शिवमंदिर के पास रहने वाले धर्मेद्र पासवान का कहना है कि दो से तीन दिन के अंदर सफाई करने वाले तो आते हैं और सड़कों की सफाई करके चले जाते हैं, लेकिन नालियों की सफाई नहीं करते हैं। जिसके कारण हल्की बारिश होते ही जल जमाव की हालत बन जाती है।

जल जमाव

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बारिश के बाद जल जमाव यहां की फितरत में शामिल हो गया है। पब्लिक परेशान होती है और जिम्मेदार खानापूर्ति करते हैं। स्थिति यह होती है कि बिलंदपुर शिवमंदिर के पास हल्की बारिश में पानी जमा हो जाता है और स्थिति यह होती है लोग जूता अपने हाथ में लेकर घर से निकलने के लिए मजबूर हो जाते हैं। यही नहीं, हाइवे के किनारे जल निगम के पीछे कई जगह नाला सफाई की यह हालत होती है कि बिन बारिश ही जल जमाव हो जाता है।

दिन में होती है बिजली बर्बाद

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बिलंदपुर में तारों का जाल तो नहीं दिखता है। क्योंकि इस एरिया में एबीसी लाइन बिछाई गई है, लेकिन यहां नगर निगम की लापरवाही से डेली 1000 यूनिट से अधिक बिजली बर्बाद होती है। वार्ड में लगभग 300 स्ट्रीट लाइट लगे हुए हैं, जिसमें 250 स्ट्रीट लाइट से अधिक प्वाइंट सही हैं और यह बिजली आते ही जलने लगते हैं। दिन हो या रात पूरे समय जलते हैं। यहां कमलेश पासवान का कहना है कि दर्जनों बार पत्र लिखा गया है कि मेरे घर के सामने ही स्वीच बोर्ड लगा दें, लेकिन लगाते ही नहीं हैं।

आवारा जानवर

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वार्ड में सबसे अधिक प्रॉब्लम आवारा जानवरों ने खड़ी कर दी है। वार्ड के बिलंदपुर एरिया में स्थिति यह है कि दिन में गाय और सांडों का सड़कों पर आतंक रहता है तो दिन में कुत्तों का। रात को बिलंदपुर में अकेले बाइक से जाने का मतलब है कि कुत्तों का शिकार बनना। कई बार तो लोग भागने के चक्कर में गिर कर घायल हो जाते हैं। लगभग एक साल पहले इस वार्ड के एरिया में एक सांड़ ने कूड़ाघाट के एक व्यापारी को मार दिया था, जिससे उसकी मौत हो गई थी।

पब्लिक डिमांड

- वार्ड में सफाई व्यवस्था को सही करने के लिए सफाईकर्मियों की संख्या बढ़ाई जाए।

- शिवमंदिर के पास नगर निगम द्वारा एक छोटा स्थान वार्ड वासियों के लिए विकसित किया जाए।

- आवारा जानवर को हटाने के लिए मोहल्लों में अभियान चले।

- वार्ड के नाले और नालियों की सफाई के लिए अभियान चलाया जाए।

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कॉलिंग

अभी हाल ही में एक सर्वेक्षण रिपोर्ट आई है, जिसमें गोरखपुर पिछड़ा हुआ दिखाया गया है। इस वार्ड को देखकर यही अंदाजा लग रहा है कि यह सर्वेक्षण सही है। ऐसे नगर निगम को इसी तरह की रैंकिंग मिलनी चाहिए।

चंद्रशेखर राय, रिटायर्ड सर्विसमैन

वार्ड में कोई सिस्टम लागू है कि नहीं पता ही नहीं चलता है। नालों में कूड़ा से बचाने के लिए नगर निगम को सभी नालों को छोटे-छोटे स्लैब से बंद कर देना चाहिए, लेकिन स्लैब अगर पब्लिक लगा देती है तो नगर निगम के सफाई कर्मी उसकी सफाई ही नहीं करते हैं।

विपुल मिश्रा, स्टूडेंट

सफाई कर्मी तो आते हैं, लेकिन सप्ताह में सिर्फ दो बार आते हैं। जिसके कारण गंदगी फैली रहती है। नगर निगम के जिम्मेदार अगर इन सफाई कर्मियों की मॉनिटरिंग करते तो सफाई की स्थिति कुछ और होती।

- एके सिंह, व्यापारी

बिजली की समस्या इस वार्ड में बहुत खराब हो गई है। आलम यह है कि गर्मी में लो वोल्टेज की समस्या रहती है और बारिश के समय अचानक कब हाई वोल्टेज दौड़ जाए और घर के उपकरण फुंक जाए, कहा नहीं जा सकता।

लक्ष्मण कुमार, दुकानदार

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