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वार्ड नंबर 38 दिलेजाकपुर
(पिछली बार यह वार्ड नं। 56 था)
GORAKHPUR: नगर निगम के वार्ड नंबर 38, दिलेजाकपुर की कहानी भी बाकी वार्डो की तरह ही है। सुविधाएं कम, असुविधाएं ज्यादा हैं। वार्ड का जो एरिया व जनसंख्या है, उसमें लगभग 60 प्रतिशत लोग व्यवसाय से जुड़े और इतना ही एरिया मार्केटिंग एरिया है। इस कारण सिर्फ निगम ही नहीं, कई विभागों को यहां के लोग टैक्स देते हैं लेकिन जब सुविधाओं से संतुष्ट बिल्कुल नहीं हैं। शुक्रवार को दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट टीम जब इस वार्ड में पहुंची तो राजेंद्र जायसवाल से सामना हुआ। बोले कि मेन मार्केट की सड़कें अच्छी तो हैं लेकिन गलियों की स्थिति ठीक नहीं। निगम को टैक्स तो देते हैं लेकिन शुद्ध पानी नहीं मिलता। टोटियों में जो पानी आता है, वह गंदा होता है। वहीं दिन में जाम और आवारा जानवरों से दिक्कत होती है।
जाम
10 में 3 नंबर
शहर के वीआईपी एरियाज से तो एन्क्रोचमेंट कभी-कभार हटता रहता है लेकिन थवईपुल, बक्शीपुर, नखास रोड, अली नगर एरियाज की सड़कों पर कब्जा निगम को दिखाई ही नहीं देता। थवईपुल का रास्ता 20 फीट चौड़ा है लेकिन यह रात 10 बजे के बाद ही दिखता है। दिन में यह 10 फीट चौड़ी संकरी गली बन जाती है। अली नगर चौराहा पर भी कुछ इसी तरह का माहौल है। यहां रोड पर लगे फल के ठेले अब बड़ी दुकान का शक्ल ले चुके हैं। कुछ ऐसा ही हाल अली नगर चौराहा से विजय चौक और जटाशंकर वाले रास्ते का भी है।
सड़क
10 में 8 नंबर
नगर निगम के विकास कार्य की हकीकत इस वार्ड में खुल जाती है। शहर में चौड़ी सड़क बनाने वाला निगम गलियों को भूल ही गया है। अली नगर से विजय चौक, एमजी गली आने वाला रास्ता, गंगेज के सामने वाली गलियां टूटी पड़ी हैं। बाइक से चलने वाले लोग परेशान हो जाते हैं कि कब ब्रेक लगाना है और कब गाड़ी बढ़ाना है।
पानी
10 में 4
वार्ड में पानी तो है लेकिन शुद्ध पानी नहीं मिल पाता। नगर निगम के पानी को लोग पीना दूर, कपड़े तक धोने में यूज नहीं करते। अली नगर के थवईपुल के पास नाले के बीच से वाटर सप्लाई की पाइप गुजरती है। कई जगह पाइप क्षतिग्रस्त होने के कारण नाले का ही पानी कई बार घरों में सप्लाई हो जाता है। बक्शीपुर, नखास रोड पर डीएवी इंटर कॉलेज के पास शाम के समय सभी घरों में एक घंटे तक नाले का ही पानी सप्लाई होता है, बाद में पानी साफ मिलता है। वहीं जटाशंकर और बाबीना होटल के सामने पिछले छह माह से बालू वाला पानी सप्लाई हो रहा है।
आवारा जानवर
10 में 3
इस वार्ड में सबसे अधिक डर आवारा जानवरों से लोगों को होता है, लेकिन यहां छुट्टा पशु अधिक हैं। दिन भर सड़कों पर आतंक मचाने वाले छुट्टा पशु रात भर अपने मालिक के घर में रहते हैं और सुबह दूध लेने के बाद इन्हें सड़कों पर छोड़ दिया जाता है। अली नगर चौराहा, बक्शीपुर चौराहे पर तो दिन में किसी भी समय लोग जाएं दो-तीन छुट्टा पशु रोड पर मिल जाएंगे।
तार
10 में 6
इस वार्ड में तारों का जाल है। मेन मार्केट में कोई खड़ा होकर ऊपर की तरफ देखे तो केवल तार ही दिखता है। शाम को लोड बढ़ने पर इन तारों से चिंगारी निकलनी शुरू हो जाती है। कई बार तो भगदड़ मच जाती है। गंगेज के सामने अली नगर आने वाले रास्ते पर पूरे साल लो वोल्टेज की समस्या बनी रहती है। सबसे पहले नखास चौराहे की बिजली गुल होती है।
पब्लिक की मांग
- डेली सफाई हो और कूड़ा उठाने का कार्य हो।
- सप्ताह में कम से कम एक दिन नालियों की सफाई की जाए।
- बड़े नालों में जहां नालियां जुड़ती हैं, उनकी डेली सफाई हो।
- पूरे वार्ड की पाइप लाइन बदली जाए, जिससे लीकेज न हो और गंदा पानी न मिले।
- डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन की योजना को शुरू किया जाए।
- ट्रांसफॉर्मर की क्षमता बढ़ाई जाए।
- मार्केट वाले एरिया के तारों को अंडरग्राउंड किया जाए।
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जनसंख्या- 21 हजार
मतदाता- 16 हजार
पार्षद- जितेंद्र सैनी
कितना बार से हैं पार्षद- तीन बार
एजुकेशन- ग्रेजुएशन
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रिपोर्टर: आप अपने तीन बार के कार्यकाल से पूरी तरह से संतुष्ट हैं?
पार्षद: मेरा प्रयास हमेशा ही वार्ड की प्राथमिकता में रहा है। गलियों की मरम्मत कार्य और जल निकासी इस कार्यकाल में प्राथमिकता में था, जिसको पूरा किया गया है। अब एक-दो जगह ही ऐसे हैं, जहां जल जमाव होता होगा।
रिपोर्टर: एन्क्रोचमेंट हटवाने के लिए क्या किए हैं?
पार्षद: मेरे वार्ड में एक शुलभ शौचालय पर 30 साल से अतिक्रमण था, जिसको इस बार के कार्यकाल में प्राथमिकता के आधार पर अतिक्रमण मुक्त किया गया। वहीं इसके अलावा जटाशंकर और बबीना होटल के सामने लगने वाले जल जमाव को समाप्त किया गया।
रिपोर्टर: वार्ड के विकास के लिए और क्या योजना है?
पार्षद: वार्ड की सड़कों को अतिक्रमण मुक्त कराना, शुद्ध पानी सप्लाई और आवारा जानवर मुक्त सड़कों को बनाने का कार्य करना हमारी प्राथमिकता में है।
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कॉलिंग
टैक्स देने में हम लोग कभी पीछे नहीं रहते हैं, फिर भी नगर निगम की सुविधाएं नहीं मिलती है।
अनिता दूबे, हाउसवाइफ
हम लोगों का एरिया मार्केट वाला है, दुकान खुलने के बाद सफाई कर्मी आते हैं और सामने कूड़ा एकत्रित करके चले जाते हैं।
- सुधीर मौर्या, दुकानदार
वार्ड में सबसे अधिक परेशानी आवारा जानवरों के कारण होती है। मेन मार्केट में छूट्टा पशु घूमते रहते हैं और गलियों में लोग आधे रास्ते पर कब्जा करके जानवरों को बांध देते हैं।
संतोष कुमार, सर्विसमैन
शाम को पूरे एरिया में किसी न किसी एरिया में फॉल्ट हो ही जाता है और फॉल्ट होने के बाद कई घंटे के लिए बिजली गुल हो जाती है। लो वोल्टेज की भी प्रॉब्लम बनी रहती है।
विजेंद्र कुमार जायसवाल, सर्विसमैन