वार्ड नंबर - 22 जटेपुर उत्तरी (पुराना वार्ड नंबर 13)

वार्ड की जनसंख्या - लगभग 25000

वार्ड में कुल वोटर - 12459

मेल वोटर्स - 6951

फीमेल वोटर्स - 5508

मोहल्ले - जटेपुर उत्तरी, दलित बस्ती, रामबाग कालोनी, सुभाषनगर कालोनी, हाइडिल कालोनी, पोस्ट ऑफिस कालोनी, मस्जिद कालोनी, मंशाबाग, लोहियानगर

GORAKHPUR: नगर निगम का वार्ड नंबर 22 शहर का सबसे अलग और अनोखा वार्ड है। यहां गलियों में सफाई वाली गाडि़यों के घुसने लायक भी जगह नहीं होने से वार्ड गंदगी के अंबार से पटा पड़ा रहता है। जहां भी नजर उठाओ सड़कों पर कूड़ा और चोक नालियां नजर आ जाएंगी। वहीं रेलवे ट्रैक को ही जिम्मेदारों ने डंपिंग यार्ड बना दिया है, जहां मोहल्ले से निकलने वाला कूड़ा रोजाना डंप कर दिया जाता है। सफाई की गाडि़यां जहां तक पहुंच पाती हैं, वहां से कुछ कूड़ा उठता है, लेकिन गाडि़यों पर लिमिटेड जगह होने की वजह से कई घरों के सामने से कूड़ा उठाने की व्यवस्था नहीं हो पाती। इसकी वजह से लोगों को अपना सारा दिन कूड़े के ढेर और उसकी बदबू के बीच ही गुजारना पड़ता है।

हक और हकीकत

वॉटर लॉगिंग - 10/2

जटेपुर वार्ड की कहानी भी दूसरे वार्ड से काफी मिलती जुलती है। यहां पहुंचते ही कॉर्नर पर कुछ दुकानें नजर आई। जब दुकानदारों से बात की गई तो उन्होंने बताया कि बरसात के दिनों में यहां रहने वालों को एक-दो नहीं बल्कि कई तरह की मुसीबतों का सामना करना पड़ता है। जमीन का लेवल नीचा होने और नालों में सिल्ट जमा होने की वजह से यहां पानी की निकासी नहीं हो पाती है, जिसकी वजह से यहां घरों में भी नाली का गंदा पानी घुस जाता है। बरसात के दिनों में तो कई-कई दिन तक वॉटर लॉगिंग की स्थिति बनी रहती है।

सड़क - 10/5

थोड़ी दूर बढ़ने पर पतली-पतली गलियां नजर आ रही थीं। इसमें एंट्री करने में कुछ दूर तक तो सीसी रोड नजर आई, जो काफी अच्छी कंडीशन में थी, लेकिन जैसे ही दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम आगे बढ़ी तो वहां खड़े राहुल ने बताया कि यह सड़क पिछले सभासद के कार्यकाल की बनी है। इन पार्षद के तो दर्शन ही नहीं होते। मोहल्ले में कई सड़क आज भी बनने के इंतजार में है, लेकिन लोगों को अब तक राहत नहीं मिल सकी है।

सफाई - 10/3

टीम आगे बढ़ी तो राजेश से मुलाकात हुई। राजेश भी टीम के साथ हो लिए। उन्होंने वहां वार्ड के कई स्पॉट दिखाए, जहां कूड़े का ढेर पड़ा हुआ था। वहीं थोड़ा आगे बढ़ने पर रेलवे टै्रक नजर आया। यहां पर कूड़े के अंबार लगे हुए थे। राजेश ने बताया कि यहां सफाई होती नहीं है और सफाई कर्मी जो कूड़ा उठाते हैं उसे ले जाकर यहीं रेलवे ट्रैक के पास डंप कर देते हैं। इसकी वजह से यहां आसपास में काफी बदबू रहती है। वहीं आवारा जानवरों का जमावड़ा लगा रहता है। कूड़ा नालियों में जाने से यहां नालियां भी चोक हो गई हैं, जिसकी वजह से पानी निकासी नहीं हो पा रही है। दिन-भर कूड़े के ढेर पड़े रहते हैं। बारिश होने की वजह से कूड़ा पानी से साथ सड़कों पर फैल गया है।

आवारा जानवर - 10/2

अभी टीम वहीं खड़ी थी कि वहां सुअरों का एक झुंड नजर आया। राजेश ने बताया कि यहां पर आवारा जानवरों ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है। सबसे ज्यादा परेशानी सुअर बढ़ा रहे हैं। डोम खाने में वह रहते हैं, जहां से मैला में लिपटे वह पूरे वार्ड में घूमते रहते हैं। कई बार तो घरों में भी घुस जाते हैं। इसकी वजह से पूरा वार्ड गंदा रहता है। वहीं सड़कों पर आवारा कुत्ते भी परेशानी बढ़ाते रहते हैं। लोग बड़ी मुश्किल से यहां से गुजरते हैं।

नालियां - 10/4

इस वार्ड में सड़क से ज्यादा खराब कंडीशन नाली की है। चाहे वह सड़क के किनारे वाली नाली हो या फिर रोड के बीचो-बीच वाली। दोनों नालियों के कोर टूटे नजर आते हैं, जिसकी वजह से लोगों का वहां से चलना-फिरना दूभर रहता है। नालियां टूटी होने की वजह से सारा पानी सड़कों पर बहता रहता है, वहीं उसकी सफाई भी ठीक तरह से नहीं हो पाती। ठेकेदार भी जब रोड बनाने आते हैं, तो बजाए नाली बनाने के ऊपर से सड़क बनाकर अपना कोरम पूरा करके निकल जाते हैं।

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कॉलिंग

पूरे वार्ड में कुछ सड़क तो ठीक है, लेकिन ज्यादातर की हालत खराब है। नालियां बनाए बगैर सड़कें बना दी गई हैं, जिसकी वजह से सड़क बनने के बाद भी जल्दी से टूट जाती हैं।

- आशुतोष श्रीवास्तव, प्रोफेशनल

मोहल्ले में सुअरों ने नाक में दम कर रखा है। पूरे वार्ड में रोजाना वह घूमा करते हैं। गंदे होने की वजह से कोई उनके पास जाने की हिम्मत नहीं करता। जिनकी वजह से यहां से जाने वाले बुजुर्ग और महिलाओं में डर बना रहता है। वहीं कुत्ते भी काफी परेशान करते हैं।

- गगन मिश्रा, प्रोफेशनल

मोहल्ले में कूड़ा सड़कों पर पड़ा रहता है। सफाई कर्मी भी नहीं आते हैं। गाड़ी आती है, तो कुछ ही घरों के पास से कूड़ा उठाते-उठाते वह भर जाती है, जिसके बाद जिम्मेदार गाड़ी लेकर लापता हो जाते हैं और सड़कों के साथ नालियों में कूड़ा नजर आने लगता है।

- शिवानंद श्रीवास्तव, स्टूडेंट

यहां वॉटर लॉगिंग की समस्या तो आम है। हर बरसात में घंटों पानी लगा रहता है। नालों पर अतिक्रमण होने की वजह से यहां की सफाई नहीं हो पाती है, जिसकी वजह से बारिश के दिनों में यहां काफी मुश्किलें झेलने की पड़ती हैं।

- आशीष शुक्ला, प्रोफेशनल

पार्षद जी जवाब दो -

नाम - सिरताज प्रसाद

क्वालिफिकेशन - पोस्ट ग्रेजुएट

कितनी बार से पार्षद - पहली

रिपोर्टर - वार्ड में काफी आवारा जानवर घूमते रहते हैं। इन्हें हटाने के लिए आपने क्या कोशिश की?

पार्षद - मैंने अधिकारियों को सजेशन दिया था कि मोहल्ले में गाड़ी भेजकर इन्हें हटवाएं, लेकिन किसी अधिकारी ने इंटरेस्ट नहीं दिखाया।

रिपोर्टर - मोहल्ले की नालियां काफी खराब हैं, वहीं कुछ जगह सड़क भी टूटी हुई है। मरम्मत क्यों नहीं हुई?

पार्षद - बिना नाली की सड़क का इस्टीमेट पास हो गया और वह बना भी दी गई। इसकी वजह से नाली और सड़क दोनों ही खराब हैं। इसके लिए जिम्मेदारों से कई बार शिकायत की, लेकिन किसी को कोई फर्क नहीं पड़ रहा है।

रिपोर्टर - मोहल्ले में गंदगी बनी रहती है जबकि रेलवे लाइन के किनारे डंपिंग यार्ड बना दिया गया है। आपने रोका नहीं?

पार्षद - मोहल्ले की रोड काफी संकरी है। कुछ जगह सफाई वाली गाडि़यां आती हैं, लेकिन कुछ जगह वह नहीं पहुंच पाती हैं। इसकी वजह से काफी गंदगी बनी रहती है। सफाई कर्मी लापरवाही की वजह से यहीं कूड़ा फेंक देते हैं। किसी की नहीं सुनते।

रिपोर्टर - मोहल्ले में वॉटर लॉगिंग की प्रॉब्लम बनी रहती है, इसके लिए आपने क्या किया?

पार्षद - यह इलाका काफी नीचे पड़ता है। वहीं नालों पर लोगों ने अतिक्रमण कर रखा है। इसकी वजह से यहां की सफाई नहीं हो पाती है और बरसात के दिनों में पानी बरसने के बाद निकल नहीं पाता, जिससे वॉटर लॉगिंग की प्रॉब्लम बनी रहती है।

नागरिकों की मांग

- आवारा जानवरों को यहां से हटाकर दूर किया जाए।

- सफाई कर्मियों की तादाद बढ़ाई जाए और रेग्युलर कूड़ा उठवाया जाए।

- नालियों का सिल्ट साफ किया जाए, जिससे कि वॉटर लॉगिंग की प्रॉब्लम न हो।

- मोहल्ले में एक शिकायत पेटी लगाई जाए, जिससे लोग एरिया की प्रॉब्लम बता सकें।

- सड़क बनवाने से पहले नालियां भी बनवाई जाएं, जिससे सड़क और नालियां जल्दी न टूटें।