* तीन सीजन्स की शानदार सफलता के बाद स्टूडेंट्स और पेरेंट्स की डिमांड पर आईआईटी सीजन 4जल्द

* स्टूडेंट्स के लिए अपना रुझान जानकर करियर का रोडमैप बनाना होगा आसान।

करियर चुनने का चैलेंज

अपनी स्कूलिंग कंप्लीट करने के बाद सभी स्टूडेंट्स के सामने एक सही करियर चुनने का चैलेंज होता है, लेकिन ज्यादातर स्टूडेंट्स अपनी एबिलिटीज, इंटरेस्ट, एप्टिट्यूड और इंटेलिजेंस के अनुसार डिसीजन न लेकर अपने पेरेंट्स और फ्रेंड्स के कहने पर डिसीजन लेते हैं। दरअसल, ऐसा इसलिए होता है क्योंकि उनके पास अपनी ही एबिलिटीज और एप्टिट्यूड के बारे में जानने का कोई ठोस मीडियम नहीं होता।

ऑपोजिट करियर चुन लेते

यही कारण है कि कई स्टूडेंट्स अपने इंटरेस्ट के ऑपोजिट करियर तो चुन लेते हैं, लेकिन बाद में पछताते हैं। जबकि अगर समय रहते उन्हें अपनी इंटेलिजेंस के बारे में पता चल जाए, तो उनके सक्सेसफुल होने के चांसेज दोगुने हो जाते हैं। स्टूडेंट्स की इसी प्रॉब्लम को दूर करने के लिए एक बार फिर दैनिक जागरण आईनेक्स्ट इंडियन इंटेलिजेंस टेस्ट सीजन 4 की वापसी होने वाली है, जो एक मल्टीपल इंटेलिजेंस थ्योरी पर बेस्ड है।

इंटेलिजेंस टेस्ट से मिलेगी हेल्प

अगर एक स्टूडेंट को जूनियर लेवल यानी क्लास 5 से ही अपने इंटरेस्ट व एप्टिट्यूड के बारे में पता चल जाए, तो वह करियर को सही दिशा दे सकता है। कॉम्प्लेक्स प्रॉसेस होने के चलते बच्चे के इंटेलिजेंस लेवल को सही तरह से मेजर करना अकेले पेरेंट्स और टीचर्स के लिए मुश्किल होता है। यह काम अनुभवी एक्सपट्र्स ही कर पाते हैं।

आईनेक्स्ट इंडियन इंटेलिजेंस टेस्ट

दैनिक जागरण आईनेक्स्ट इंडियन इंटेलिजेंस टेस्ट (आईआईटी) के जरिए बच्चे की इंटेलिजेंस और इंटरेस्ट के बारे में जाना जा सकता है। यह सिगरिड एजुकेशन इस एग्जाम का एजुकेशन पार्टनर है। यह मल्टीपल इंटेलिजेंस थ्योरी हॉवर्ड ग्रेजुएट स्कूल ऑफ एजुकेशन के प्रोफेसर हॉवर्ड गार्डनर ने बच्चों की इंटेलिजेंस को मापने के लिए डेवलप की थी।

इस टेस्ट में शामिल होने के लिए यहां पर क्िलक करें:

एक ही पैरामीटर पर जज

इसके लिए उन्होंने सात अलग-अलग इंटेलिजेंस टाइप्स को आइडेंटिफाई किया। उनके मुताबिक, 'बच्चों का इंटेलिजेंस लेवल अलग होता है, जिसके कारण वह चीजों को अलग तरह से समझते हैं, परफॉर्म करते हैं और याद रखते हैं। वे मानते थे कि यह डिफरेंसेज हमारे एजुकेशन सिस्टम को चैलेंज करते हैं क्योंकि वहां हर बच्चे को एक ही पैरामीटर पर जज किया जाता है।

सही एनालिसिस होगी

इसको लेकर माना जाता है कि सभी बच्चे एक ही स्टडी मटीरियल को समझकर याद कर सकते हैं। दरअसल, हमारे एजुकेशन सिस्टम में स्टूडेंट के इंटेलिजेंस लेवल के बजाए माक्र्स पर फोकस किया जाता है। इस इंटेलिजेंस टेस्ट की हेल्प से बच्चे के इंटेलिजेंस की सही एनालिसिस की जा सकती है और उनके लिए सही करियर का चयन किया जा सकता है।

National News inextlive from India News Desk

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