देहरादून: लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी में हुए गोली कांड के दोषी जवान को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अजय चौधरी की अदालत ने मंगलवार को उम्रकैद की सजा सुनाई है, अदालत ने जवान को शनिवार को दोषी करार दिया था।

 

2015 की है घटना

जिला शासकीय अधिवक्ता जेके जोशी ने अदालत को बताया कि घटना अकादमी के मुख्य गेट पर 10 जुलाई 2015 की है। सुरक्षा में तैनात आईटीबीपी 34वीं बटालियन के जवान चंद्रशेखर ने एलएमजी से ताबड़तोड़ फायरिंग कर दारोगा सुरेंद्र लाल पुत्र आत्माराम शर्मा निवासी कांगड़ा हिमाचल प्रदेश को मौत के घाट उतार दिया था। इस दौरान दारोगा की मौके पर ही मौत हो गई थी, बीच-बचाव करने आए जवान अख्तर हुसैन पर भी चंद्रशेखर ने तीन गोलियां दाग दी थीं। लेकिन अख्तर समय पर उपचार मिला तो उनकी जान बच गई। वारदात को अंजाम देने के बाद घटनास्थल से करीब 70 कारतूस और एलएमजी लेकर भाग गया और 12 जुलाई 2015 को चंडीगढ़ से गिरफ्तार किया गया। बीते शनिवार को केस की सुनवाई पूरी होने पर अदालत ने चंद्रशेखर को हत्या और जानलेवा हमले का दोषी पाया। मंगलवार को अदालत ने चंद्रशेखर निवासी ग्राम हर्रोट तहसील, जयसिंहपुर, जिला कांगड़ा, हिमाचल प्रदेश को हत्या में उम्रकैद और दस हजार रुपये जुर्माना तथा जानलेवा हमले में दस साल सश्रम कैद और पांच हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई।

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