- वाटर हॉर्वेस्टिंग से लेकर एंड लेबल से बने शहर का नाला

BAREILLY:

शहर के नए मेयर डॉ। उमेश गौतम ने पद5ार सं5ालने के साथ ही विकास की गाड़ी को आगे बढ़ा दिया है। अतिक्रमण हटवाने से लेकर शहर की साफ-सफाई और सुरक्षा व्यवस्था पर जोरशोर से काम किए जा रहे हैं। 1या मेयर के यह कदम सफल होंगे। यह तो समय ही बताएगा। इससे पहले बरेली को कैसे अतिक्रमण व गंदगी से मु1त, जल 5ाराव से निजात और स्मार्ट सिटी का दर्जा दिलाया जा सकता है, इस बात पर शहरवासियों के कई सुझाव हैं, जो कि शहर को विकास की राह पर आगे ले जाएंगे। आइए जानते हैं 1या है वह सुझ्ाव

डॉ। केशव अग्रवाल -

शहर के फेमस डॉ। केशव अग्रवाल के मेयर को कई सुझाव हैं। डॉ। केशव कहते हैं बरेली की सबसे बड़ी समस्या जल5ाराव की है। वाटर हॉर्वेस्टिंग से इस प्रॉ4ल6स से छुटकारा पाया जा सकता है। 50 हजार की कीमत से बनने वाला वाटर हॉर्वेस्टिंग पिट 10 ला2ा लीटर पानी मात्र दो घंटे में ऑ4जर्व कर सकता है। आसपास के लोग आपसी मदद से 5ाी इसे बना सकते हैं। 50 हजार में 6 फीट ल6बा-चौड़ा, 6 इंच बोरिंग के हिसाब से 30 फीट गहरा वाटर हॉर्वेस्टिंग पिट का निर्माण आसानी से किया जा सकता है। सबसे पहले 2 फीट ईट का अद्घा व पौना, 2 फीट 80 एमएम का पत्थर, 40, 20 और फिर 10 एमएम की बजरी 2-2 फीट, उसके बाद मोटा रेता और फिर उसे स्लैब से ढंक दें। स्लैब में जगह-जगह होल होना आवश्यक है, जिससे बारिश का पानी अंदर जा सके। पॉल्यूशन को रोकने के लिए घर व प्रतिष्ठान के सामने 2ाली पड़ी जमीन पर घास या पक्का कर सकते हैं। अतिक्रमण को रोकने के लिए रेंटल वैल्यू के हिसाब से जुर्माना तय किया जाए। दोबारा ऐसा नहीं होगा शपथ पत्र लिया जाए। ऐसा होने पर जुर्माने की राशि दोगुनी हो। टै1स प्रॉपर्टी के हिसाब से नहीं बल्कि व्यक्ति की आर्थिक वैल्यू 1या है उस हिसाब से तय होनी चाहिए।

आर्किटे1ट अनुपम स1सेना -

अनुपम स1सेना का कहना है कि शहर की एक-एक समस्या को उठा कर उस पर काम करने से विकास नहीं होगा। बरेली को स्6ार्ट बनाने के लिए माइक्रो लेवल पर प्लानिंग करने की जरूरत है। पूरे शहर का एक साथ 2ाका तैयार करना होगा। कहां पेड़ लगाए जाने हैं, कहां रोड बननी है, कहां नाला बनने हैं आदि। माइको लेवल प्लॉनिंग से बाद में किसी प्रकार की समस्या नहीं होगी। घरों से निकलने वाला गंदा पानी और बारिश के पानी का बहाव सही से हो सके इस बात पर 2ास ध्यान देने ही जरूरत हैं। नाले के जरिए बहाव स्मूद तरीके से हो सके इसके लिए जहां पर पानी गिर रहा है, वहां से निर्माण कार्य होने चाहिए। यदि, बजट के अ5ाव में नाले का निर्माण कार्य बीच में बंद 5ाी हो गया तो जल निकासी की समस्या बाधा नहीं बनेगी। जबकि, बीच या स्टार्टिग प्वॉइंट से नाले का निर्माण करने में जल निकासी में दिक्कत आ सकती है। रोड का निर्माण डेवलप कंट्रीज की तरह होना चाहिए। तोड़ कर उसी मटीरियल का इस्तेमाल होना चाहिए। पैचिंग करते रहने से रोड ऊंचा हो जाता है और बारिश का पानी घरों के अंदर जाने लगता है।

बिजनेस वूमेन श्ारदा 5ार्गव -

नगर निगम के जितने 5ाी स्कूल हैं उसका जीर्णोद्धार करने की जरूरत है। कस्तूरबा ग‌र्ल्स इंटर कॉलेज की बिल्डिंग पूरी तरह से जर्जर हो चुकी है। हिन्दी मीडियम स्कूलों में बच्चे पढ़ें इससे पहले लोगों को हिन्दी की इ6पॉर्टेस बताने की जरूरत है। जब तक कोई हिन्दी की परीक्षा पास न करे तब तक उसे जॉब नहीं मिलेगी यह व्यवस्था होनी चाहिए। जिससे सरकारी स्कूल और नगर निगम स्कूल दोबारा से रौनक हो सकेंगे। पेरेंट्स अपने बच्चों को वहां पढ़ाएंगे। वहीं महिलाओं और ग‌र्ल्स की सुरक्षा के लिए मेयर को कदम उठाने की जरूरत हैं। ताकि, गुजरात की तरह बरेली की सड़कों पर 5ाी महिलाएं अपने आप को सुरक्षित महसूस कर सकें। इसके लिए स्कूल, कॉलेज और मार्केट में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने की जरूरत है, जो 5ाी गलत करें उसके साथ स2ती से पेश आया जाए। प्रशासन को इसके लिए नगर निगम का साथ देने की जरूरत है। दुबई में एक गोल्डन मार्केट है, जहां मैं गई थी। वहां पर चोरी जैसी वारदातें नहीं होती हैं। दुकानों में क5ाी ताले नहीं लगते हैं। बस पर्दा टांग दिया जाता है।

आर्किटे1ट मंजू गोयल -

विकास की बात अनप्लांड नहीं होनी चाहिए। बल्कि प्लांड तरीके से होनी चाहिए। त5ाी नगर का विकास हो सकेगा। किसी 5ाी चीज के निर्माण से पहले प्लानर और आर्किटे1ट का सुझाव लेना सही होगा। सड़क के किनारे जो जगह छोड़ी जाती है, उस पर अतिक्रमण न हो मेयर को इस बात को सुनिश्चित करना होगा। सड़कें अहमदाबाद की तरह होनी चाहिए। ट्रैफिक एक तरफ चले और राहगीर दूसरी तरफ। इससे ट्रैफिक जाम या फिर राहगीर के ए1सीडेंट का 2ातरा नहीं रहेगा। सुप्रिया ऐरन जब मेयर थीं तो मल्टी लेवल पर्किंग का सुझाव दिया था। नगर निगम स4जी मंडी के पास मल्टी लेवल पार्किंग बनाई जानी थी। नीचे स4जी मंडी और ऊपर पार्किंग बनाए जाने का प्लान था। प्लान पर काम 5ाी शुरू हुआ था। बाद में किसी कारणवश पार्किंग नहीं बन सकी। 15 वर्ष पहले कले1ट्रेट के सामने और नॉवेल्टी से अयूब 2ां चौराहा तक सड़क की प्लॉनिंग 5ाी की थी। नगर निगम में मैप 5ाी सौंप था लेकिन उस पर काम नहीं हो सका। अब नए सिरे से प्लॉनिंग कर काम करने की जरूरत है।

डॉ। मनीष शर्मा - उमेश गौतम में उत्साह की कमी नहीं हैं, मुझे उ6मीद है कि वह बरेली को स्मार्ट बनाएंगे। बरेली बदल रहा है।

आरके शर्मा, पूर्व प्रोफेसर, बीसीबी - अतिक्रमण और गंदगी दो बड़ी समस्या हैं। मकानों पर पोस्टर लगाने वालों पर कार्रवाई होनी चाहिए।