उतरांव में वकील की हत्यारोपी ने लगाया सेक्स रैकेट चलाने का आरोप

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ALLAHABAD: वह इंसान नहीं हैवान था। मैं चाचा कहती थी और उसकी नजर मेरी जवानी पर थी। मेरी मजबूरी का फायदा उठा कर मेरा जीवन बर्बाद कर दिया। इसलिए मुझे उसे मारने का कोई अफसोस नहीं है। यह कहना है उतरांव थाना क्षेत्र के चका उर्फ चकपुरंदर गांव के रहने वाले अधिवक्ता विजय कुमार गुप्ता की मुख्य हत्यारोपी का। पुलिस ने मंगलवार को प्रतिमा, उसके भाई सोनू और हंडिया के दिलीप उर्फ गलगल व उतरांव के मानसिंह यादव को गिरफ्तार कर हत्याकांड का खुलासा किया। सराइनायत के महेश सिंह व छोटे सिंह अभी फरार हैं। आरोपियों के पास से पुलिस ने पिस्टल, कारतूस, मोबाइल और प्रतिमा का खून लगा कपड़ा बरामद किया है।

धमकी बनी कत्ल की वजह

अधिवक्ता हत्याकांड का खुलासा करते हुए मंगलवार दोपहर एसपी गंगापार सुनील कुमार सिंह ने बताया कि विजय कुमार गुप्ता शादीशुदा था और उसके तीन बच्चे भी हैं। उसका गांव की प्रतिमा से अवैध संबंध था। विजय ने कीडगंज में किराए पर कमरा ले रखा था और यहीं प्रतिमा को रखा था। वहां कई और युवक भी आते थे। इसी बीच प्रतिमा का संपर्क सरायइनायत थाने के सीधीपुर निवासी छोटे सिंह व गुटावा के महेश सिंह से हुआ। विजय ने ऐतराज किया और प्रतिमा को धमकाया कि तुम्हारी कारस्तानी सोशल मीडिया पर वायरल दूंगा। यह बात प्रतिमा ने छोटे सिंह व महेश को बताई तो उन्होंने हत्या के लिए उकसाया और मदद का आश्वासन भी दिया। इसके बाद प्रतिमा ने दूसरे प्रेमी धरनसीपुर उतरांव निवासी मानसिंह व दिलीप उर्फ गलगल यादव निवासी वनपुकरा हंडिया के साथ हत्या की योजना बनाई।

हत्या के दिन शाम से हो रही थी बात

हत्या की साजिश के तहत तीन जून को प्रतिमा ने विजय को कई बार कॉल किया और समोधीपुर गांव के निकट कुएं के पास बुला लिया। वहां प्रतिमा ने मानसिंह और दिलीप के साथ विजय की लाठी-डंडा व ईट से पीटा। विजय ने अपनी पिस्टल निकाली तो छीन लिया। उसकी जेब से 22 सौ रुपये व मोबाइल निकालने के बाद हत्या कर लाश कुएं में फेंक दी। वारदात के बाद प्रतिमा ने भाई सोनू को बुलाया और घर चली गई। मानसिंह व दिलीप ने विजय की बाइक गंगा में फेंक दी।

विजय को हो गई थी आशंका

हत्याकांड के पर्दाफाश में विजय का अहम रोल रहा। उसने अपने दोस्त को वॉयस मैसेज किया था, जिसमें कहा था कि घर नहीं लौटने पर छोटे सिंह के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करा देना। एक महिला दोस्त के पास कॉल करके प्रतिमा व मान सिंह के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने की बात कही थी।

कराता था जिस्मफरोशी

इंटर पास हत्यारोपी प्रतिमा ने कहा कि विजय की हत्या का कोई पछतावा नहीं है। वह सेक्स रैकेट चलाता था। प्रतिमा ने बताया कि दो माह पहले वह अकेले घर की तरफ जा रही थी तो विजय मिला। उसे चाचा कहती थी। उसने नेटवर्किंग का वर्क करने वाली ब्लेज ट्रेडिंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड में जॉब दिलाने की बात कही। फिर कीडगंज स्थित अपने कमरे में रहने के लिए ले आया। यहां आने के बाद कहा कि नेटवर्किंग में कम मिलेंगे और जिस्मफरोशी के लिए उकसाया। मना करने पर दूसरी जगह नौकरी दिलाने की बात कही। इसी बीच छोटा भाई गंभीर रूप से बीमार हुआ तो मजबूरी का फायदा उठाते हुए धंधे में उतार दिया। वह करीब आठ साल से जिस्मफरोशी का धंधा चला रहा था। लड़की को पांच सौ रुपये देता था और खुद क्लाइंट से डेढ़ से दो हजार रुपये लेता था।

पुलिस टीम को मिला इनाम

हत्याकांड का पर्दाफाश करने वाले सीओ हंडिया बृजनंदन राय, एसओ उतरांव गजानंद चौबे की टीम को पांच हजार रुपये का नकद इनाम देने की घोषणा की गई। कुएं में उतरकर लाश को निकालने के लिए इंस्पेक्टर हंडिया आरपी सिंह को भी पांच हजार का इनाम दिया गया है।