-डिस्ट्रिक्ट जेल में 4 गायों से गोशाला खोली गई

-जल्द ही डेयरी उत्पाद बनाकर बाहर भेजे जाएंगे

BAREILLY: जाने-अनजाने अपराध करने के बाद जेल की हवा खा रहे बंदी गौसेवा कर अपने पाप का प्रायश्चित कर सकेंगे। साथ ही, दुग्ध उत्पाद से होने वाली वाली आय के बदले वह कुछ कमाई भी कर सकेंगे। बंदियों को समाज की धारा से जोड़ने के लिए डिस्ट्रिक्ट जेल एडमिनिस्ट्रेशन गौशाला खोला हैं, जिनकी देखरेख बंदी ही करेंगे। दूध से डेयरी उत्पाद तैयार कर जेल प्रशासन मार्केट में सेल करेगा।

सुधार के लिए होते हैं प्रोगाम

बरेली डिस्ट्रिक्ट जेल में करीब 2500 बंदी हैं। जेल में बंदियों को सुधारने के लिए कई प्रोग्राम आयोजित किए जाते हैं। उन्हें एजुकेशन दी जाती है और उनकी काउंसलिंग भी की जाती है। बंदियों को योगा क्लास भी करायी जाती है। इसके अलावा जेल की कमाई बढ़ाने के लिए खेती, फर्नीचर बनाने के अलावा अन्य काम भी जेल में होते हैं, जिससे बंदियों काम में बिजी रहते हैं और उन्हें घरवालों की भी याद कम आती है। इसी कड़ी में अब जेल में गोशाला खोली गई है।

दुधारू गाय आएगी जेल में

जेल सुपरिंटेंडेंट यूपी मिश्रा ने बताया कि जेल में गोशाला ओपन कर दी गई है। अभी चार गायों को रखा गया है। ये गाय लोगों से दान के जरिए ली गई हैं। ये गायें दूध भी दे रही हैं। बंदी ही इन गायों की देखरेख कर रहे हैं। जल्द ही दुधारू नस्ल की गाय जेल में लायी जाएगी। दूध का इस्तेमाल बंदियों के खानपान में इस्तेमाल किया जाएगा।

गौ सेवा करने का मौका

जेल में गोशाला खोलने का मकसद बंदियों को प्रायश्चित कराने का भी है। क्योंकि बंदी गौसेवा करेंगे। गाय की देखरेख करने के लिए बंदियों को ट्रेनिंग भी दी जाएगी ताकि गायों को कोई दिक्कत न हो। शुरुआत चार गायों से की गई, लेकिन धीरे-धीरे गायों की संख्या बढ़ती जाएगी और फिर बजट तैयार करके डेयरी ओपन की जाएगी। इसमें डेयरी उत्पाद तैयार किए जाएंगे। डेयरी उत्पाद को मार्केट में भी बेचा जाएगा।

जेल में गोशाला खोली गई है। अभी चार गायों से इसकी शुरुआत की गई है। आने वाले दिनों में डेयरी भी खोली जाएगी।

यूपी मिश्रा, जेल सुपरिंटेंडेंट डिस्ट्रिक्ट जेल बरेली